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जॉब सर्च से पहले

कॉलेज से पासआउट होने के बाद जॉब हासिल करने को लेकर अपार उत्साह होता है, लेकिन समय के साथ जब जॉब मिलने में देरी होती है तो उत्साह मंद पड़ने लगता है। आखिर क्यों होती है जॉब मिलने में देरी और खुद को कैसे बनाएं जॉब मार्केट के मुताबिक फिट, बता रहे हैं अरुण श्रीवास्तव.. रमण सिंह ने पिछले साल मई में एक प्रतिष्ठित संस्थान से

By Edited By: Updated: Tue, 01 Jul 2014 06:17 PM (IST)
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कॉलेज से पासआउट होने के बाद जॉब हासिल करने को लेकर अपार उत्साह होता है, लेकिन समय के साथ जब जॉब मिलने में देरी होती है तो उत्साह मंद पड़ने लगता है। आखिर क्यों होती है जॉब मिलने में देरी और खुद को कैसे बनाएं जॉब मार्केट के मुताबिक फिट, बता रहे हैं अरुण श्रीवास्तव..

रमण सिंह ने पिछले साल मई में एक प्रतिष्ठित संस्थान से प्रोफेशनल डिग्री हासिल की थी। कैंपस प्लेसमेंट के लिए आई कंपनियों द्वारा ऑफर किए गए जॉब अपने लिए उपयुक्त न लगने के कारण उन्होंने अस्वीकार कर दिए थे। चूंकि कोर्स के दौरान उनका परफॉर्मेस काफी बेहतर था, इसलिए वे इस बात के लिए पूरी तरह से कॉन्फिडेंट थे कि कॉलेज से निकलने के बाद उन्हें जल्द ही कहीं न कहीं अच्छी जॉब मिल जाएगी। इस बात को लेकर वह काफी उत्साहित भी थे। उन्होंने एमएनसीज से लेकर देश की कई बड़ी कंपनियों में जॉब के लिए अपने रेज्यूमे भेजे। उन्हें कुछ जगहों से रिटेन और इंटरव्यू के लिए बुलावा भी आया। उन्हें अपना परफॉर्मेस भी बेहतर महसूस होता था, लेकिन उन्हें इस बात पर काफी हैरानी होती थी कि हर जगह उन्हें जॉब के लिए 'नॉट सूटेबल' बताकर खारिज कर दिया जाता था। काफी माथा-पच्चीे करने के बाद आखिरकार उन्होंने एक जगह एचआर के सीनियर पर्सन से अपने को खारिज करने का कारण पूछ ही लिया। उन्होंने एक लाइन में जो कहा, उससे रमण का सिर घूम गया। उन्होंने कहा कि, 'उन्हें खारिज करने का सबसे बड़ा कारण उनका खुद को जॉब मार्केट की रिक्वॉयरमेंट के मुताबिक तैयार न कर पाना था.., कोई भी कंपनी सिर्फ उनके किताबी नॉलेज के आधार पर उन्हें नौकरी देने का रिस्क नहीं लेना चाहती।' हालांकि रमण ने पढ़ाई बड़े मन से की थी और मा‌र्क्स भी बहुत अच्छे पाये थे, लेकिन उन्होंने खुद को कभी जॉब मार्केट की रिक्वॉयरमेंट से जोड़ने के बारे में सोचा ही नहीं था। कॉलेज में किसी फैकल्टी ने भी कभी इस पर ध्यान नहीं दिलाया था। रमण को इस बात का गुमान था कि अपने अच्छे अंकों के आधार पर उन्हें बड़ी आसानी से नौकरी मिल जाएगी। पर जल्द ही उनका यह भ्रम टूट गया। आखिरकार उन्होंने अपने प्रोफाइल को रिच करने और अपने को जॉब मार्केट के अनुरूप बनाने के लिए एक शॉर्ट-टर्म कोर्स च्वाइन कर लिया। उन्हें तब सुखद आश्चर्य हुआ, जब कोर्स पूरा करने से पहले ही उनके पास एक एमएनसी से जॉब का ऑफर आ गया। अब रमण को समझ में आ गया कि सिर्फ कोर्स पूरा कर लेने और डिग्री हासिल कर लेने से ही आज के समय में नौकरी नहीं मिल सकती। इसके लिए बदलते वक्त के अनुसार परफेक्ट प्रैक्टिकल नॉलेज भी जरूरी है, तभी इंडस्ट्री उन्हें हाथों-हाथ लेगी।

बदलें नजरिया

आज के समय में तमाम युवा यही चाहते हैं कि उन्हें किसी अच्छे कॉलेज और कोर्स में एडमिशन मिल जाए। इसके बाद वे उसमें बेहतर प्रदर्शन करके बढि़या अंक लाना चाहते हैं। ज्यादातर को यही लगता है कि अच्छे अंकों से एग्जाम पास कर लेना ही उनकी बहुत बड़ी उपलब्धि है। हालांकि मन लगाकर मेहनत से पढ़ना और एग्जाम में अच्छे नंबर हासिल करना प्रंशसनीय है, लेकिन हायर स्टडीज (खासकर प्रोफेशनल स्टडीज) करने वाले स्टूडेंट्स को आज के बदलते समय में कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। इसमें सबसे जरूरी है कि खुद पहल करके अपने कोर्स से संबंधित फील्ड की इंडस्ट्री की जरूरतों, उसमें काम करने के तरीकों, आ रहे बदलावों, उससे संबंधित तकनीकों, एटीकेट्स आदि को समझना और खुद को उसके मुताबिक तैयार करने का प्रयास करना। इसके लिए संबंधित इंडस्ट्री को समझने का नजरिया डेवलप करने की जरूरत है। अगर आप पढ़ाई के साथ-साथ दूरदर्शिता दिखाते हुए खुद को मार्केट की जरूरतों के हिसाब से ढालते हैं, तो इससे आपका कॉन्फिडेंस तो बढ़ेगा ही, किसी भी इंटरव्यू बोर्ड के सामने आप खुद को प्रभावशाली ढंग से पेश कर सकेंगे। ऐसे में किसी भी कंपनी के एचआर के लिए आपको इग्नोर कर पाना आसान नहीं होगा।

* कोर्स की पढ़ाई के साथ-साथ देश और दुनिया के प्रति भी जागरूक रहें।

* अपनी पसंद के क्षेत्र के जरूरी स्किल को समझें और उन्हें अपने में डेवलप करें।

* बदलते वक्त की जरूरतों के मुताबिक अपने आपको बदलने के लिए तैयार रखें।

* जिद्दी और जड़ बनने की बजाय अपने स्वभाव को लचीला बनाएं, ताकि बदलाव को स्वीकार करने में आसानी हो।

डेवलप करें क्वॉलिटी

अगर आप अपने पसंदीदा क्षेत्र में आसानी से नौकरी पाना और तरक्की की सीढि़यां चढ़ते हुए अलग पहचान बनाना चाहते हैं, तो पढ़ाई में जोरदार प्रदर्शन करने के साथ-साथ अपने भीतर कुछ खास क्वॉलिटी भी डेवलप करने का प्रयास करें। इनमें कड़ी मेहनत, लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पण, दृढ़ इच्छाशक्ति, अनुशासन, निर्णय लेने की क्षमता, लीडरशिप क्वालिटी आदि बेहद जरूरी हैं। इन सबके अलावा, आपमें विनम्रता और देशभक्ति का भाव भी आवश्यक है। जीवन में कामयाबी चाहते हैं, तो खुद को एक अच्छा इंसान बनाने का प्रयास भी करें।

डॉ. अरविंद कुमार सिंह [चांसलर, नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा]

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