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महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करते समय भूलकर भी ना करें ये गलतियां

कई ऐसी चीजें हैं जिनका दूसरे देवी-देवताओं की पूजा में आवश्‍यक रूप से इस्‍तेमाल होता है, मगर उन्‍हें भगवान शिव की पूजा में भूलकर भी प्रयोग नहीं करना चाहिए।

By Pratibha Kumari Edited By: Updated: Thu, 23 Feb 2017 06:59 PM (IST)
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महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करते समय भूलकर भी ना करें ये गलतियां

महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्‍व है, कहते हैं इस दिन जिसने देवों के देव महादेव को प्रसन्‍न कर लिया, उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। अब वैसे तो भगवान शिव को भोले-भंडारी माना जाता है। कहते हैं वो इतने भोले हैं कि भक्‍तों की जरा सी भक्‍ित से प्रसन्‍न हो जाते हैं, मगर जल्‍द ही क्रोधित हो जाते हैं। इसलिए भगवान शिव की कृपा पाना इतना भी आसान नहीं है। उनकी पूजा करते समय कई बातों का विशेष ध्‍यान रखना होता है, क्‍योंकि कई ऐसी चीजें हैं जिनका दूसरे देवी-देवताओं की पूजा में आवश्‍यक रूप से इस्‍तेमाल होता है, मगर उन्‍हें भगवान शिव की पूजा में भूलकर भी प्रयोग नहीं करना चाहिए। तो आइए आपको उन चीजों के बारे में बताते हैं जिनका महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करते समय बिल्‍कुल भी इस्‍तेमाल ना करें और उनकी कृपा आप प्राप्‍त कर सकें-

- हिंदू धर्म में शंख को बहुत ही पवित्र माना जाता है और पूजा के लगभग सभी कार्यों में शंख का प्रयोग होता है, मगर शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा करना वर्जित है।

- तुलसी भी बेहद पवित्र मानी जाती है और सभी देवकार्यों में इसका प्रयोग होता है, मगर इसे भगवान शिव पर चढ़ाना मना है। ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्हें इस बात की जानकारी नहीं है और वे भोलेनाथ की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल करते हैं, जिस वजह से उनकी पूजा पूर्ण नहीं होती।

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- ऐसे कई धार्मिक कार्य हैं, जिसे हल्दी के बिना पूर्ण नहीं माना जाता, मगर भगवान शिव को हल्दी अर्पित नहीं की जाती। ऐसा इसलिए, क्योंकि हल्दी स्त्री सौंदर्य प्रसाधन में प्रयोग की जाती है और शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है।

- भोलेनाथ को लाल रंग के फूल नहीं चढ़ाए जाते। साथ ही केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाना भी मना है। भगवान शिव को सफेद रंग के फूल चढ़ाने चाहिए। इससे वो जल्दी प्रसन्न होते हैं।

- भगवान भोलेनाथ पर हमेशा पीतल, कांसे या अष्टधातु से बर्तन या लोटे से ही जल चढ़ाना चाहिए, लोहे या स्टील के बर्तन से नहीं। तो इस बात का भी विशेष ध्‍यान रखने की जरूरत है।

- सिंदूर या कुमकुम, महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए लगाती हैं। जबकि भगवान शिव विध्वंसक के रूप में जाने जाते हैं। इसलिए शिवलिंग पर सिंदूर या कुमकुम नहीं चढ़ाया जाता, बल्कि चंदन से उनकी पूजा होती है।

- जहां तक नारियल की बात करें तो भगवान शिप की पूजा में तो इसका इस्‍तेमाल कर सकते हैं, मगर शिवलिंग पर नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली सारी चीजें निर्मल होनी चाहिए यानि जिसका सेवन ना किया जाए।