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..जरूरी है आइडिया

सरकार ने अपने प्रोजेक्ट, प्लानिंग और पॉलिसीज के लिए आइडिया बैंक बनाने की घोषणा की है। इसके लिए लोगों से भी आइडिया मंगाने का प्रस्ताव है। वैसे चाहे पढ़ाई की बात हो या जॉब पाने की या फिर जॉब में लगातार तरक्की की सीढि़यां चढ़ने की बात हो, हर जगह आइडिया ही पहचान दिलाता है। जिंदगी में आइडिया का महत्व बता रहे हैं अरुण श्रीवास्तव

By Edited By: Updated: Tue, 05 Aug 2014 10:56 AM (IST)
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सरकार ने अपने प्रोजेक्ट, प्लानिंग और पॉलिसीज के लिए आइडिया बैंक बनाने की घोषणा की है। इसके लिए लोगों से भी आइडिया मंगाने का प्रस्ताव है। वैसे चाहे पढ़ाई की बात हो या जॉब पाने की या फिर जॉब में लगातार तरक्की की सीढि़यां चढ़ने की बात हो, हर जगह आइडिया ही पहचान दिलाता है। जिंदगी में आइडिया का महत्व बता रहे हैं अरुण श्रीवास्तव..

पवनेश बचपन से कुछ अलग हटकर करते और सोचते रहे हैं। पीसीएम से बारहवीं करने के बाद जब हायर एजुकेशन की बात आई, तो उन्होंने अपने इलाके के ट्रेंड के अनुसार डॉक्टर, इंजीनियर या आइएएस बनने की बजाय अपनी पसंद के क्षेत्र डिजाइनिंग को चुना।

किसी जाने-माने संस्थान से अपनी योग्यता को निखारने की ख्वाहिश के साथ उन्होंने एनआइडी, अहमदाबाद में ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम में एडमिशन ले लिया। वहां के माहौल और फैकल्टी के बीच उनका मन इतना रमा कि कोर्स की चार साल की अवधि बीतने का पता ही नहीं चला। इसके बाद उन्होंने वहीं से ट्रासंपोर्टेशन और ऑटोमोबाइल डिजाइन में पीजी डिप्लोमा भी किया। चूंकि इस दौरान उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स में अपनी अलग पहचान बना ली थी, इसलिए कोर्स पूरा होने से पहले ही उनके पास एक बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी से जॉब ऑफर आ गया। उनके द्वारा डिजाइन की गई कारों के एक्सटीरियर और इंटीरियर के हिट होते ही उनकी वैल्यू बढ़ गई।

एक दूसरी कॉम्पिटिटर ऑटोमोबाइल कंपनी ने उन्हें डिजाइन डायरेक्टर की पोस्ट ऑफर करते हुए दोगुनी सैलरी ऑफर कर दी। दरअसल, पवनेश को ये सभी अचीवमेंट्स उनके जोरदार आइडिया के कारण ही मिलते गए। पढ़ाई उन्होंने अपने इंट्रेस्ट के मुताबिक की, इसलिए इससे उनके टैलेंट और आइडिया को और निखारने का मौका मिल गया।

नए की डिमांड

आज हर फील्ड में जबर्दस्त कॉम्पिटिशन है। ऐसे में हर संस्थान या कंपनी को आगे बढ़ने के लिए नए आइडिए की तलाश रहती है, ताकि उससे वह अपने प्रोडक्ट को दूसरों से अलग दिखाकर पहचान दिला सके। जाहिर है कंपनियां आधुनिक और अधिक उत्पादक मशीनें तो लगा सकती हैं, लेकिन आइडिया तो इंसान ही देगा। यही कारण है कि उत्पादन के लिए मशीनों और टेक्नोलॉजी पर निर्भरता बढ़ने के बावजूद ऐसे टैलेंटेड लोगों की पूछ बढ़ती जा रही है, जिनके पास हमेशा कुछ न कुछ नया आइडिया होता है।

इंटरव्यू में इंप्रेशन

अगर आप किसी जॉब के लिए इंटरव्यू देने गए हैं और वहां आपने इंटरव्यू बोर्ड के सदस्यों को अपनी सूझ-बूझ, हाजिरजवाबी और नए नजरिए से प्रभावित कर लिया, तो समझ लीजिए कि वहां आपकी नौकरी पक्की है। हां, इसके लिए आपको पहले से तैयारी करनी होगी।

जिस नौकरी के लिए आप जा रहे हैं, अगर आपने उसके और कंपनी के बारे में पर्याप्त होमवर्क/रिसर्च किया है, देश और दुनिया में कंपनी के आउटपुट के बारे में पता है, तो आप इन जानकारियों और अपनी नॉलेज के आधार पर कंपनी को और आगे ले जाने के कुछ यूनीक व परिपक्व टिप्स दे सकते हैं।

बचें कंफर्ट जोन से

तमाम लोग ऐसे होते हैं जो एक बार नौकरी मिल जाने पर निश्चित हो जाते हैं। अपनी लापरवाह आदतों के कारण वे जल्द ही कंफर्ट जोन में चले जाते हैं। ऐसे लोगों को जब अचानक किसी चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ता है, तो वे असहज हो जाते हैं। एक्टिव मोड में न होने के कारण उस समय उनके लिए एक-एक दिन भारी पड़ने लगता है। ऐसी स्थिति में या तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है या फिर हालात ऐसे हो जाते हैं, जिसमें उनका चल पाना मुश्किल हो जाता है।

आइडिए की आदत

आइडिया हर दिन, हर सप्ताह, हर महीने के लिए जरूरी होता है। इसलिए यह कभी न मानें कि आपने एक आइडिया दे दिया, तो आपकी ड्यूटी पूरी हो गई। यह एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। आइडिया तलाशना अपनी आदत में शुमार करें। यह कभी न सोचें कि आप जिस प्रोफाइल के साथ काम कर रहे हैं, उसमें आइडिए की कोई जरूरत नहीं है। इसकी आवश्यकता हर जगह होती है। चाहे वह ऑफिस हो या फील्ड। दरअसल, नए और यूनीक प्रोजेक्ट की तलाश के साथ-साथ उसे पूरा करने का अलग तरीका भी किसी न किसी तरह से आइडिया से ही जुड़ा होता है। अगर आपके पास आइडिया है, तो आप किसी खास विषय पर खास तरह से काम करके अपनी पहचान बना सकते हैं। फील्ड वर्क है, तो वहां आइडिया स्मार्ट वर्क और स्मार्ट कम्युनिकेशन से जुड़ा हो सकता है।

हर दिन हो नया

आइडिया ही आपके हर दिन को नया बना सकता है, अन्यथा आपको हर दिन एक जैसा और नीरस प्रतीत होगा। कभी न कभी आपके मन से यह आवाज भी आ सकती है कि यह जीना भी कोई जीना है।

लाइफ मशीन होकर रह गई है। जीवन में उमंग और उत्साह का रंग घोलना है, तो आपको अपने काम में रस पैदा करना होगा। ऐसा करने से आपको काम करने में भी मजा आएगा और इससे ऑफिस में आपकी अलग पहचान भी बनेगी। जाहिर है कि जब मैनेजमेंट की नजर में आपका काम आएगा, तो किसी न किसी रूप में आपको इसका रिवार्ड भी मिलेगा।

* आइडिया आपके काम को नई पहचान दिला सकता है।

* अपने काम को इंज्वॉय करते हुए आइडिए की तलाश भी करते रहें।

* आपके पास आइडिया है, तो फिर आपको हर तरफ से सराहना मिलेगी।

पढ़े: तराशें टैलेंट