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सीखें सक्सेस स्किल्स

पढ़ाई पूरी करने के बाद युवा जब जॉब शुरू करते हैं, तो वे अक्सर वर्कप्लेस के मुताबिक खुद को ढाल न पाने के कारण असहज महसूस करते हैं। सक्सेसफुल प्रोफेशनल बनने के लिए जिंदगी से जुड़ी कई ऐसी बातें बेहद जरूरी होती हैं, जिन्हें क्लासरूम में नहीं सीखा जा सकता। इसके लिए जरूरी है कि आप आज के वक्त के मुताबिक जरूरी प्रोफेशनल स्ि

By Edited By: Updated: Tue, 08 Jul 2014 05:21 PM (IST)
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पढ़ाई पूरी करने के बाद युवा जब जॉब शुरू करते हैं, तो वे अक्सर वर्कप्लेस के मुताबिक खुद को ढाल न पाने के कारण असहज महसूस करते हैं। सक्सेसफुल प्रोफेशनल बनने के लिए जिंदगी से जुड़ी कई ऐसी बातें बेहद जरूरी होती हैं, जिन्हें क्लासरूम में नहीं सीखा जा सकता। इसके लिए जरूरी है कि आप आज के वक्त के मुताबिक जरूरी प्रोफेशनल स्किल्स जितनी जल्दी हो सके, सीख लें। इन स्किल्स के बारे में बता रहे हैं अरुण श्रीवास्तव..

पुनीत को पिछले साल एमबीए करने के बाद एक ऑटोमोबाइल कंपनी में सेल्स एग्जीक्यूटिव की जॉब मिल गई थी। चूंकि उन्होंने मैकेनिकल ब्रांच से बीटेक भी किया था, इसलिए ऑटो सेक्टर की उन्हें अच्छी नॉलेज थी। लेकिन जॉब शुरू करने के कुछ ही महीनों के भीतर वह खुद को वहां असहज महसूस करने लगे। दरअसल, किताबी जानकारी तो उन्हें खूब थी, पर प्रोफेशनल लाइफ की व्यावहारिक जानकारियां न होने के कारण उन्हें दिक्कत हो रही थी। आखिरकार उन्होंने वहीं काम करने वाले एक करीबी सीनियर से अपनी परेशानी शेयर की। सारी बातें समझकर उन्होंने कुछ देर विचार किया और पुनीत को कुछ टिप्स देकर उन पर अमल करने को कहा। पुनीत ने वही किया और कुछ ही महीनों में उनकी परेशानी दूर हो गई। वे भी दूसरों की तरह काम को एंच्वॉय करने लगे। आइए जानते हैं कि क्या थे वे टिप्स, ताकि आप भी इन्हें आजमा सकें..

सुनें गुनें

प्रोफेशनल लाइफ में एंट्री करने पर आपको सामने वाले (खासकर क्लाइंट) की बातें ध्यान से सुननी चाहिए। अगर आप उसकी बात पर गौर नहीं कर रहे और अपनी ही बात कहे जा रहे हैं, तो वह आपको अच्छा प्रोफेशनल नहीं समझेगा। उसकी बातों को ठीक से न सुनने और न समझने के कारण आप उसे कनविंस भी नहीं कर सकते। अगर आप उसकी बातें ध्यान से सुनेंगे, तो किसी चीज से सहमत न होने पर उसे समझा भी सकते हैं। आपकी कामयाबी इसी में है कि आप अपने क्लाइंट को किस स्तर तक संतुष्ट कर पाते हैं।

निर्णय क्षमता

सही निर्णय लेना भी एक स्किल है। प्रोफेशनल लाइफ में आपको सही समय पर सही निर्णय लेने की समझ विकसित करनी चाहिए। अगर आप निर्णय नहीं ले पाते या फिर किसी भी तरह के निर्णय को लेकर आपके मन में हर समय दुविधा बनी रहती है, तो समझ लें कि यह आपके करियर ग्रोथ में एक बड़ी बाधा साबित हो सकती है। अगर आप निर्णय न ले पाने की अपनी कमजोरी दूर करना चाहते हैं, तो कोई भी निर्णय लेते समय कुछ जरूरी बातों पर अवश्य गौर करें। पहला, आपका वह निर्णय कंपनी/संस्थान के लिए कितना फायदेमंद होगा, दूसरा, क्या उससे आपका प्रोफेशनल टार्गेट पूरा होगा, तीसरा, क्या उससे कंपनी और क्लाइंट के रिश्ते प्रगाढ़ होंगे और चौथा, वह निर्णय आपके करियर ग्रोथ में कितना सहायक होगा? आप इन बातों को अभ्यास में लाएंगे, तो कुछ ही समय में अनिर्णय के चक्र से बाहर आ सकते हैं।

रहें अपडेट

सक्सेसफुल करियर की राह पर आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि आप अपने पेशे से जुड़ी स्किल्स को निरंतर सीखते रहें। कई बार आप जहां काम कर रहे होते हैं, वहां उससे ज्यादा एडवांस स्किल की रिक्वॉयरमेंट होती है, ऐसे में अगर आप खुद को अपडेट नहीं करते तो लंबे समय तक काम में बने रहना संभव नहीं होगा। इस स्थिति से बचने के लिए आपको वहां के हाइली स्किल्ड प्रोफेशनल्स की मदद लेनी चाहिए। किसी भी तरह के ईगो को दरकिनार करके पूरी विनम्रता से उनसे टिप्स लेने चाहिए। जरा सोचें, जिस स्किल को सीखने के लिए आपको कोर्स के रूप में काफी पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं, यदि आप उसे संस्थान में अपनी सीनियर्स की मदद से सीख लेते हैं, तो आपके साथ-साथ उस कंपनी को भी कितना फायदा होगा। हां, अगर आप किसी कारण कंपनी में वह स्किल नहीं सीख पाते, तो समय रहते उससे संबंधित कोर्स किसी ऑथेंटिक संस्थान से करने का प्रयास करके खुद को अपडेट कर लें।

मजबूत नेटवर्किंग

आज के समय में नौकरी पाने और निभाने दोनों के लिए अच्छी नेटवर्किंग की जरूरत होती है। सोशल नेटवर्किंग के इस जमाने में आप कंपनी के भीतर और बाहर दोनों जगह अपने कनेक्शन डेवलप करें। इसका फायदा आपको प्रमोशन में भी मिलेगा और उस समय भी, जब आपको किसी कारण नई नौकरी खोजने की जरूरत पड़े। अपने प्रोफेशनल सहयोगियों और परिचितों का दायरा बढ़ाते हुए उसे मजबूत बनाएंगे, तो इससे आपको अपने प्रोफेशन की तमाम नई बातें भी पता चलती रहेंगी और किसी प्रॉब्लम के सामने आने पर आप सॉल्यूशन के लिए उनसे मदद या सलाह भी ले सकेंगे।

काम की बातें

वर्कप्लेस पर आलस और गुस्सा दोनों आपकी तरक्की में बाधक बन सकते हैं। आलस वही लोग करते हैं, जो कुछ किए बिना रिवॉर्ड पाने की अपेक्षा करते हैं। कोई भी काम करने में आनाकानी न करें। अगर कोई काम मुश्किल भी है, तो भी मेहनत और समझदारी से उसे पूरा करने का प्रयास करें। इसी तरह कार्यस्थल पर कूल रहकर काम करें। गुस्सा टीममेंबर्स के साथ आपके तालमेल को तो बिगाड़ेगा ही, खुद आपको भी व्यथित रखेगा।

* कामयाब प्रोफेशनल बनना है, तो पहल करें। यह सोच कर बैठे न रहें कि बॉस या सीनियर को जरूरत होगी और वे काम बताएंगे, तभी करने की सोचेंगे।

* आप खाली बैठे हैं और आपके पास काम नहीं है, तो बिना देर किए बॉस से काम मांगें।

* आगे बढ़कर बताएं कि आप क्या-क्या कर सकते हैं? बिल्कुल नए किस्म का काम आने पर भी घबराएं नहीं। चुनौती समझ कर उसका सामना करें।

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