एयर एशिया इंडिया अगले साल ही भर पाएगी उड़ान
एयर ऑपरेशंस परमिट के लिए जरूरी विमान उपलब्ध न करा पाने से एयर एशिया इंडिया की देश में इसी साल उड़ानें शुरू करने की योजना को धक्का लग सकता है। मलेशिया की बजट एयरलाइन एयर एशिया और टाटा समूह के संयुक्त उद्यम की तैयारियों को देखकर लगता है कि उसे सभी मंजूरियां प्राप्त करने में अभी कम से कम
By Edited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
नई दिल्ली [संजय सिंह]। एयर ऑपरेशंस परमिट के लिए जरूरी विमान उपलब्ध न करा पाने से एयर एशिया इंडिया की देश में इसी साल उड़ानें शुरू करने की योजना को धक्का लग सकता है। मलेशिया की बजट एयरलाइन एयर एशिया और टाटा समूह के संयुक्त उद्यम की तैयारियों को देखकर लगता है कि उसे सभी मंजूरियां प्राप्त करने में अभी कम से कम तीन महीने लगेंगे। ऐसे में उसकी उड़ानें अगले साल ही शुरू होने की उम्मीद है।
पढ़ें : एयर एशिया इंडिया को सबसे जल्दी एनओसी सरकार ने तेजी दिखाते हुए एयर एशिया इंडिया को आनन-फानन में एनओसी देकर जल्द से जल्द एयर ऑपरेशंस परमिट देने की अपनी मंशा जता दी थी। मगर अब एयर एशिया की तरफ से ही देरी हो रही है। उसके जिन विमानों की विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा जांच की जानी है वे अभी तक चेन्नई नहीं पहुंचे हैं। नतीजतन परमिट जारी करने में देरी हो रही है। सरकार ने एयर एशिया इंडिया को चार अक्टूबर को ही अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी कर दिया था। इसके तुरंत बाद एयर एशिया ने परमिट के लिए आवेदन कर दिया था। इससे लग रहा था कि एयरलाइन नवंबर तक परिचालन परमिट हासिल करने में कामयाब हो जाएगी। मगर इसके लिए जिन जरूरी औपचारिकताओं को कंपनी द्वारा पूरा किया जाना था वे अभी तक पूरी नहीं की गई हैं। किसी एयरलाइन को एयर ऑपरेशन परमिट (एओपी) जारी करने के लिए डीजीसीए उसके विमानों की एयरवर्दीनेस, कर्मचारियों की नियुक्ति एवं योग्यता की स्थिति के अलावा बुनियादी ढांचे की जांच करता है। इसमें देखा जाता है कि विमान उड़ने के लिए एकदम फिट एवं सुरक्षित हैं। इसके अलावा पायलटों, क्रू मेंबर्स और इंजीनियरों आदि की योग्यता एवं उपलब्धता नियमानुकूल है। विमानों के लिए पार्किंग, इंजीनियरिंग और रखरखाव सुविधाओं का भी अध्ययन किया जाता है। हर तरह से संतुष्ट होने पर ही एओपी जारी किया जाता है।
एयर एशिया इंडिया के विमान मलेशिया से भारत आने हैं। चेन्नई एयरपोर्ट पर डीजीसीए उनकी जांच करेगा। सूत्रों के मुताबिक अभी तक एक भी विमान भारत नहीं पहुंचा है। ऐसे में जांच संभव नहीं है। एओपी देने के लिए कुल 36 आइटमों की जांच की जाती है। सिविल एविएशन पब्लिकेशन -3100 नियमों के तहत यह आवश्यक है। विमान न आने के अलावा एयर एशिया इंडिया ने अभी तक केवल 200 कर्मचारियों की ही नियुक्ति की है। इनमें पायलट, इंजीनियर और ग्राउंड स्टाफ शामिल हैं। एयर एशिया के सीईओ मिट्टू चांडिल्य कह चुके हैं कि शुरू में प्रति विमान 80 से 100 कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। इसे बाद में घटाकर प्रति विमान 60-65 पर लाया जाएगा। इस हिसाब से उसे डीजीसीए को कम से कम दो विमान दिखाने होंगे। एओपी हासिल करने के बाद एयर एशिया इंडिया को वांछित रूटों और नेटवर्क की मंजूरी भी प्राप्त करनी होगी। इसके लिए आवेदन देना होगा। इसमें भी कम से कम एक महीने का समय लगेगा। ऐसे में अगले साल फरवरी से पहले इसकी उड़ानें शुरू होने की उम्मीद कम है।