देश में नये बैंकों को खोलने की जरूरी मिल गई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी आईडीएफसी और माइक्रो फाइसेंस फर्म बंधन को बैंकिंग लाइसेंस के लिए प्राथमिक जरूरी दे दी है। ये दोनों कंपनियों उन 25 आवेदकों में शामिल थी जिन्होंने बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन भरा था। इसमें
By Edited By: Updated: Thu, 03 Apr 2014 11:03 AM (IST)
नई दिल्ली। देश में नये बैंकों को खोलने की जरूरी मिल गई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी आइडीएफसी और माइक्रो फाइनेंस फर्म बंधन को बैंकिंग लाइसेंस के लिए प्राथमिक जरूरी दे दी है। ये दोनों कंपनियों उन 25 आवेदकों में शामिल थी जिन्होंने बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन भरा था। इसमें रिलायंस गु्रप, आदित्य बिरला गु्रप और बजाज गु्रप जैसे बड़े दिग्गज शामिल हैं। इन दिग्गजों के बीच बंधन वो नाम है जो शायद सबसे छोटा और सबसे युवा है। यहां हम आपको बंधन के बारे में वो जानकारी दे रहे हैं जो आने वाले समय में नया बैंक बन कर सामने आएगा।
- बंधन फाइनेंशियल सर्विसेज देश का पहला माइक्रोफाइनेंस इंस्टि्टूयट है जिसे बैंक लाइसेंस मिला है। बैंकिंग क्षेत्र में यह सबसे युवा कंपनी भी है।
- बंधन एकलौती माइक्रोफाइनेंस कंपनी थी जिनसे बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन दिया था। - एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, बंधन भारत की सबसे बड़ी माइक्रोफाइनेंस कंपनी है। यह 19 राज्यों में मौजूद है और 25 से 35 फीसद की दर से बढ़ रही है।
- कोलकाता में साल 2001 में चंद्र शेखर घोष ने इसकी शुरुआत की। इसका मुख्य उद्देश्य सामाजिक रूप से पिछड़े और आर्थिक रूप ये पिछड़ी महिलाओं को वित्तीय सहायता देना है। - रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 तक बंधन 1 करोड़ गरीब परिवारों तक पहुंचना चाहती है।
- 2007 में फोर्ब्स पत्रिका ने पहली बार दुनिया की शीर्ष 50 माइक्रोफाइनेंस इंस्टिट्यूट में बंधन को दूसरे स्थान पर रखा गया। - घोष, कोलकाता के पहले उद्यमी हैं जिन्होंने आजादी के बाद बैंक बनाने की शुरुआत की। - फरवरी तक 22 राज्यों में 2,016 शाखाओं साथ बंधन के पास 52.33 लाख कर्जधारक हैं। - फरवरी में बंधन ने 963 करोड़ रुपये का लोन वितरण किया, जिसके साथ ही कंपनी का कुल लोन वितरण 5,704 करोड़ रुपये हो गया। - फिलहाल संस्थान 15,000 रुपये के लोन पर 22 फीसद ब्याज वसूलती है। बीएस घोष के मुताबिक, यदि उन्हें लाइसेंस मिल जाता है तो यह ब्याज दर गिरकर 6 से 7 फीसद हो जाएगी।
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