कर चोरी की सूचना गुप्त रखना अच्छी नीति नहीं
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) के मुताबिक कर चोरी से संबंधित रिकॉर्ड को साझा न करने पर आयकर विभाग पर सवाल उठाए हैं। सीआइसी के मुताबिक इसे उचित नीति नहीं कहा जा सकता।
By Edited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) के मुताबिक कर चोरी से संबंधित रिकॉर्ड को साझा न करने पर आयकर विभाग पर सवाल उठाए हैं। सीआइसी के मुताबिक इसे उचित नीति नहीं कहा जा सकता।
पढ़ें: बेशर्म हो गए हैं डिफॉल्टर, छूट मिलने के बाद भी नहीं दे रहे टैक्स आयकर विभाग को पत्र लिखकर कर चोरी की सूचना देने वाले अशोक कुमार गुप्ता ने आरटीआइ अर्जी दाखिल कर विभाग से पूछा था कि उसकी शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई। लेकिन आयकर विभाग ने जानकारी देने से इन्कार करते हुए अशोक को बताया कि आरटीआइ कानून की धारा 24 के तहत इस एजेंसी को विशेष छूट प्राप्त है। लिहाजा, वह सूचना देने के लिए बाध्य नहीं है। इस धारा के मुताबिक दूसरी अनुसूची में शामिल खुफिया और सुरक्षा संगठनों पर आरटीआइ कानून लागू नहीं होगा। हालांकि, भ्रष्टाचार और मानवाधिकार के मामलों में इन एजेंसियों को यह स्वतंत्रता प्राप्त नहीं है। अशोक ने सीआइसी के समक्ष अर्जी दाखिल किया जिसपर सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त राजीव माथुर ने कहा कि महानिदेशक कार्यालय, आइटी को आरटीआइ से छूट प्राप्त है, लेकिन आयोग के विचार में कर चोरी की अर्जी पर जानकारी न देना उचित नीति नहीं है। आयोग ने आयकर विभाग को अशोक को जांच की सूचना देने के निर्देश दिए।