डीजीसीए की सक्रियता से निजी एयर ऑपरेटर खफा
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। छोटे विमान उड़ाने वाले नॉन शेड्यूल्ड श्रेणी के निजी एयर ऑपरेटरों ने डीजीसीए पर जांच के नाम पर नाहक परेशान करने और छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है। इसके उलट विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने अगले कुछ हफ्तों में बैठक बुलाकर उनकी शिकायतों पर गौर करने का भरोसा दिया है। बिजनेस एयरक्राफ्ट
By Edited By: Updated: Fri, 04 Apr 2014 10:03 PM (IST)
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। छोटे विमान उड़ाने वाले नॉन शेड्यूल्ड श्रेणी के निजी एयर ऑपरेटरों ने डीजीसीए पर जांच के नाम पर नाहक परेशान करने और छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है। इसके उलट विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने अगले कुछ हफ्तों में बैठक बुलाकर उनकी शिकायतों पर गौर करने का भरोसा दिया है।
बिजनेस एयरक्राफ्ट ऑपरेटर्स एसोसिएशन (बीएओए) के सचिव ग्रुप कैप्टन आरके बाली ने विमानन मंत्रालय को इस सिलसिले में एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि हाल में सुरक्षा जांच के नाम पर जिस तरह उनके विमानों की डीजीसीए द्वारा जांच शुरू की गई है वह उचित नहीं है। इसकी वजह से प्राइवेट एयर ऑपरेटरों के बारे में गलत धारणा बन रही है, जबकि उनका संरक्षा रिकॉर्ड शानदार रहा है। बीएओए नॉन शेड्यूल्ड एयर ऑपरेटरों का संगठन है। उन्होंने आरोप लगाया कि विमानन नियामक डीजीसीए यह सब अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन की नजर में अपनी छवि चमकाने और भारत की ग्रेडिंग वापस पाने के मकसद से कर रहा है। इसमें नॉन शेड्यूल्ड एयर ऑपरेटरों को बेवजह बलि का बकरा बनाया गया है। नॉन शेड्यूल्ड एयर ऑपरेटरों के बारे में सरकार की कोई नीति नहीं है। यदि नीति होती तो एफएए भारत की डाउनग्रेडिंग नहीं करता। अब एफएए को खुश करने के लिए डीजीसीए हड़बड़ी में गैरजरूरी हस्तक्षेप कर रहा है। वह भी तब जबकि डीजीसीए के पास जांच के लायक काबिल अधिकारी तक नहीं हैं। लिहाजा केंद्र सरकार को इस विषय में उपयुक्त नीति तैयार करनी चाहिए। बाली के अनुसार बुनियादी व नीतिगत ढांचे के अभाव तथा ऊंचे करों के कारण पहले ही भारतीय विमानन उद्योग की हालत खराब है। इसीलिए इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन यानी आइसीएओ ने भारत से 2036 तक के लिए जनरल एविएशन का रोडमैप तैयार करने को कहा है। इस दिशा में तो कोई काम किया नहीं गया, मगर निजी ऑपरेटरों को परेशान किया जा रहा है। बीएओए के अध्यक्ष रोहित कपूर ने भी कहा कि डीजीसीए ने पिछले साल नॉन शिड्यूल्ड ऑपरेटरों की संरक्षा जांच की थी। मगर अगस्त में अचानक नई प्रमाणन प्रक्रिया लागू करने के नाम पर बिजनेस एयरक्राफ्ट ऑपरेटरों की सभी विदेशी उड़ानों पर अचानक रोक लगा दी गई।
बीएओए की यह शिकायत ऐसे समय आई, जब डीजीसीए ने पिछले दिनों अन्य नॉन शेड्यूल्ड एयर ऑपरेटरों के अलावा रिलायंस और अडानी के विमानों की जांच शुरू कर दी। हालांकि दोनों मामलों में केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। देश में इस समय 130 नॉन शेड्यूल्ड व चार्टर्ड एयर ऑपरेटर हैं। इनके तकरीबन साढ़े पांच सौ छोटे विमान व हेलीकॉप्टर निजी तौर पर और किराये पर संचालित होते हैं। चुनाव के दौरान ज्यादातर दलों के नेता इन विमानों की सेवाएं लेते हैं।