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मोदी सरकार का 'ई-क्रांति' का एलान

राजग सरकार ने देश में सूचना प्रौद्योगिकी के जरिये भ्रष्टाचार के खात्मे व सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने व उनमें पारदर्शिता लाने के लिए अब तक का शायद सबसे बड़ा फैसला किया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक में ई-क्रांति के नाम से

By Edited By: Updated: Thu, 26 Mar 2015 12:37 AM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राजग सरकार ने देश में सूचना प्रौद्योगिकी के जरिये भ्रष्टाचार के खात्मे व सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने व उनमें पारदर्शिता लाने के लिए अब तक का शायद सबसे बड़ा फैसला किया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक में ई-क्रांति के नाम से राष्ट्रीय ई-गवर्नेस प्लान (एनईजीपी) 2.0 को मंजूरी दी गई।

यह प्लान आने वाले दिनों में हर तरह की सरकारी सेवा को मोबाइल समेत हर तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर उपलब्ध कराने का जरिया बनेगा। यह प्लान आम जनता को शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, प्लानिंग, न्याय, सुरक्षा, साइबर सुरक्षा समेत अन्य कई क्षेत्रों की सेवाएं उपलब्ध कराएगा।

इसके साथ ही सरकार ने 4500 करोड़ रुपये की लागत से देश में 73 सुपर कंप्यूटर बनाने का फैसला किया है। इसके लिए सुपर कंप्यूटिंग मिशन को मंजूरी दी गई है। ये सुपर कंप्यूटर अगले सात वर्षो में बनाए जाएंगे। नब्बे के दशक में सुपर कंप्यूटर तकनीक के लिए अमेरिका का मुंह देखने वाला भारत आज दुनिया में सुपर कंप्यूटर निर्माण में अग्रणी देशों में शामिल हो गया है।

नए 73 सुपर कंप्यूटर का निर्माण भी न सिर्फ सरकार की ई-गवर्नेस नीति को बेहतर बनाएंगे बल्कि यह डिजीटल इंडिया कार्यक्रम को भी आम जनता के पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएंगे। ये सुपर कंप्यूटर विभिन्न मंत्रालयों, वैज्ञानिकों व शोध करने वाले संस्थानों के काम आएंगे।

इसका आम जनता के जीवन पर भी प्रभाव पड़ेगा क्योंकि सरकार का कहना है कि यह नए वाहन बनाने से लेकर नई दवाओं के निर्माण, ऊर्जा के स्त्रोत तलाशने व जलवायु परिवर्तन तक के मामले में देश की क्षमता को बढ़ाएंगे।

कैबिनेट के इन फैसलों की जानकारी देते हुए संचार, सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि ई-क्रांति नीति के 11 प्रमुख सिद्धांत तय किए गए हैं। इनमें मोबाइल फ‌र्स्ट, तीव्र गति से प्रस्तावों को मंजूरी देना, स्थानीय भाषा में हर तरह की सेवा को उपलब्ध कराना जैसे सिद्धांत शामिल हैं, जिसका मतलब है कि सरकार को बेहद त्वरित व पारदर्शी तरीके से तमाम तरह की सेवाएं देने में तकनीकी विकसित करनी होगी।

इसके तहत कई तरह की परियोजनाएं लागू की जाएंगी। इन परियोजनाओं को स्वीकृति देने और इनकी निगरानी की व्यवस्था को भी मंजूरी दे दी गई है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति जहां पूरी परियोजना को मंजूरी देगी, वही पीएम की अध्यक्षता वाली डिजीटल इंडिया निरीक्षण टीम इसकी निगरानी करेगी।

इसके तहत मिशन मोड में कई कार्यक्रमों को मंजूरी दी जाएगी। इसे केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय व विभागों के अलावा राज्य सरकारों को भी लागू करना होगा।

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