शीत लहर से गेहूं व सरसों को फायदा
उत्तरी और मध्य भारत में वर्तमान शीत लहर से गेहूं और सरसों की फसलों को खासा फायदा मिलेगा। यह जानकारी कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने दी है। कृषि मंत्री ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से तापमान में कमी आने से किसानों ने राहत की सांस ली है।
नई दिल्ली। उत्तरी और मध्य भारत में वर्तमान शीत लहर से गेहूं और सरसों की फसलों को खासा फायदा मिलेगा। यह जानकारी कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने दी है। कृषि मंत्री ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से तापमान में कमी आने से किसानों ने राहत की सांस ली है। सर्दी के इस दौर से गेहूं और सरसों की फसलों को काफी फायदा मिलेगा।
गेहूं फसल की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर करनाल स्थिति गेहूं अनुसंधान संस्थान की निदेशक इंदु शर्मा ने कहा कि फसल की मौजूदा अवस्था में ठंडा मौसम रहना काफी लाभदायक साबित होगा। गेहूं की अगैती और पछैती दोनों तरह की फसलों को इसका लाभ मिलेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि गेहूं की उपज अगले दो महीनों में तापमान पर निर्भर करेगी। फरवरी में तापमान सामान्य से ज्यादा नहीं बढ़ता है तो उत्पादन को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने बताया कि ज्यादातर राज्यों में गेहूं की बुवाई पूरी हो चुकी है। हालांकि कुछ गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में गेहूं की बुवाई अभी भी जारी है।
सरसों के बारे में सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के अध्यक्ष प्रवीन लुंकड ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में शीत लहर दिखाई दे रही है। यह सरसों व गेहूं की फसलों के लिए अच्छा है। उन्होंने बताया कि इस साल सरसों की फसल में फूल पिछले साल से दस फीसद ज्यादा खिले हैं। लेकिन उत्पादन फरवरी के अंत में और मार्च में मौसम की स्थिति पर निर्भर करेगा।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई का क्षेत्र 22 जनवरी तक 4.46 फीसद घटकर 291.97 लाख हेक्टेयर रहा है। पिछले साल समान अवधि में 305.60 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी।