4जी का रास्ता साफ! डॉट ने बदले स्पेक्ट्रम नीलामी के नियम
मोबाइल ऑपरेटरों के सुझावों के आधार पर दूरसंचार विभाग (डॉट) ने स्पेक्ट्रम नीलामी के तीसरे दौर की शर्तो में 24 बदलाव किए हैं। उद्योग ने नीलामी से संबंधित 276 सवाल डॉट से पूछे थे। शर्तो में बदलाव से स्पेक्ट्रम महंगे होने की आशंका है। साथ ही 4जी तकनीक के देश में जल्द बढ़ने का रास्ता साफ होने की उम्मीद जगी है। डॉट
By Edited By: Updated: Sat, 04 Jan 2014 09:56 AM (IST)
नई दिल्ली। मोबाइल ऑपरेटरों के सुझावों के आधार पर दूरसंचार विभाग (डॉट) ने स्पेक्ट्रम नीलामी के तीसरे दौर की शर्तो में 24 बदलाव किए हैं। उद्योग ने नीलामी से संबंधित 276 सवाल डॉट से पूछे थे। शर्तो में बदलाव से स्पेक्ट्रम महंगे होने की आशंका है। साथ ही 4जी तकनीक के देश में जल्द बढ़ने का रास्ता साफ होने की उम्मीद जगी है।
डॉट ने नीलामी के लिए तीन फरवरी की तारीख तय की है। नई शर्तो के अनुसार, टेलीकॉम कंपनियों को ट्रायल से एक साल पहले बताना होगा कि वह कौन सी तकनीक इस्तेमाल करेंगे। इस नियम में 2जी (जीएसएम एवं सीडीएमए) और 3जी तकनीक शामिल नहीं है। ये जानकारी उन्हें स्पेक्ट्रम हासिल होने के एक महीने के अंदर देनी होगी। आरकॉम का थ्रीजी इंटरनेट हुआ महंगा नए संशोधनों से आवेदनकर्ताओं पर ज्यादा बोझ पड़ेगा। यदि कंपनियां आवेदन से ज्यादा स्पेक्ट्रम मांगती हैं तो उन्हें प्रति मेगाहर्ट्ज ज्यादा रिजर्व प्राइस देना होगा। पहले की नीलामी में बेस प्राइस 1.25 मेगाहर्ट्ज अतिरिक्त मांग से जोड़ा गया था। डॉट ने साफ कर दिया है कि नवंबर, 2012 और मार्च, 2013 में बैंक गारंटी देकर स्पेक्ट्रम जीतने वाली कंपनियों यूनिनॉर, वीडियोकॉन, सिस्टेमा श्याम टेलीसर्विसेज को अब ऐसा नहीं करना होगा।
1 सेकेंड में 3 घंटे का मजा, 5जी के साथ पूरी मूवी हो जाएगी डाउनलोड! नियमों के मुताबिक, छह साल के लिए नए आवेदकों को 35 करोड़ और पुरानी कंपनियों को 21 करोड़ रुपये प्रति सर्विस एरिया बैंक गारंटी देनी होती है। यह बैंक गारंटी उन्हें लाइसेंस समझौते से पहले ही देनी होती है। सरकार को उम्मीद है कि वह फरवरी में होने वाली नीलामी से 11,300 करोड़ रुपये कमाने में सफल रहेगी।