मुश्किल दौर से निकली अर्थव्यवस्था, जल्द छुएगी नई ऊंचाई
अर्थव्यवस्था मुश्किल दौर से निकल चुकी है। जल्द ही यह नई ऊंचाई छुएगी। जापान रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कहते हुए विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए आगामी दिनों में सुधारों की प्रक्रिया तेज करने का संकेत भी दिया है। भारत एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआइआइबी) का संस्थ्
By Edited By: Updated: Sat, 30 Aug 2014 07:43 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था मुश्किल दौर से निकल चुकी है। जल्द ही यह नई ऊंचाई छुएगी। जापान रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कहते हुए विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए आगामी दिनों में सुधारों की प्रक्रिया तेज करने का संकेत भी दिया है। भारत एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआइआइबी) का संस्थापक सदस्य बनने के संबंध में चीन के निमंत्रण पर भी विचार कर रहा है। प्रधानमंत्री जापानी मीडिया बात कर रहे थे।
मोदी ने कहा कि सरकार के 100 दिन के कार्यकाल में उन्होंने स्थिरता हासिल की है। अर्थव्यवस्था में जारी गिरावट को रोका है। अब रनवे पर आगे बढ़ना है। आने वाले दिनों में देश नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ेगा। मोदी सरकार ने रक्षा, बीमा, रेल व कौशल विकास में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के उदारीकरण के साथ-साथ वित्तीय समायोजन, श्रम सुधार व कारोबार प्रक्रिया सरल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। प्रधानमंत्री ने विदेशी निवेशकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि भारत में एफडीआइ के लिए न्यूनतम शर्ते हैं। नीतिगत स्थिरता के उचित संकेत व सरकार के नेक इरादे से एफडीआइ में तेजी आएगी, क्योंकि भारत निवेश का आकर्षक स्थान है। प्रधानमंत्री का यह बयान इसलिए अहम है, क्योंकि पिछले साल जापान से भारत में एफडीआइ में 11 प्रतिशत की कमी आई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम के जापान दौरे से जापानी निवेशक भारत का रुख करेंगे। मोदी ने साफ कहा कि भारत चर्चा के लिए तैयार है और एफडीआई की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने की कोशिश करेगा। वैसे, भी जिन क्षेत्रों में एफडीआइ पर प्रतिबंध है उनकी संख्या अधिक नहीं है। एफडीआइ नीति की समीक्षा एक सतत प्रक्रिया है। प्रधानमंत्री ने वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी के शीघ्र लागू होने की उम्मीद जताते हुए कहा कि इससे उद्योग, व्यापार और उपभोक्ताओं की लागत कम आएगी।
जापान को पसंदीदा आर्थिक साझेदार करार देते हुए कहा कि अबनॉमिक्स (जापानी प्रधानमंत्री की नीतियां) और भारत में जो कुछ वह हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं उसमें काफी समानता है। जापान ने विगत में भारत के ढांचागत विकास में मदद की है। एआइआइबी के बारे में सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि चीन ने भारत को इसका संस्थापक सदस्य बनने के लिए आमंत्रित किया है। इस पर विचार चल रहा है। भारत किसी भी ऐसे नए बहुपक्षीय विकास बैंक का स्वागत करेगा, जिसमें मौजूदा अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में सुधार की हमारी वकालत पर ध्यान दिया जाए।