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आइएमएफ सुधार लागू करने पर जी-20 सख्त

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष [आइएमएफ] के कोटा सुधार लागू नहीं होने पर निराशा जताते हुए जी-20 देशों ने इन्हें लागू करने के लिए अमेरिका को साल के अंत तक की समयसीमा दी है। इसके अलावा विकसित और प्रमुख उभरते देशों के इस संगठन ने वैश्विक मांग बढ़ाने के साथ विनिमय दरों में लचीलापन लाने की प्रतिबद्धता जताई है।

By Edited By: Updated: Sat, 12 Apr 2014 10:23 PM (IST)
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वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष [आइएमएफ] के कोटा सुधार लागू नहीं होने पर निराशा जताते हुए जी-20 देशों ने इन्हें लागू करने के लिए अमेरिका को साल के अंत तक की समयसीमा दी है। इसके अलावा विकसित और प्रमुख उभरते देशों के इस संगठन ने वैश्विक मांग बढ़ाने के साथ विनिमय दरों में लचीलापन लाने की प्रतिबद्धता जताई है। विश्व बैंक और आइएमएफ की सालाना बैठकों के दौरान जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों में शुक्रवार को इन मसलों पर सहमति बनी।

जी-20 की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि यदि अमेरिका ने मुद्राकोष के कोटा सुधारों को इस साल के अंत तक मंजूरी नहीं दी तो आइएमएफ को अपने स्तर पर काम करने को कहा जाएगा। अगले कदम के लिए नए विकल्प तलाशे जाएंगे। वर्ष 2010 में की गई समीक्षा पर आधारित कोटा सुधारों में विकासशील देशों को कोष में ज्यादा हिस्सेदारी दी गई है। इसके अलावा जी-20 देशों ने उम्मीद जताई है कि 2014 में वैश्विक आर्थिक विकास की संभावनाएं बेहतर होंगी, लेकिन जोखिम व संवेदनशीलता को देखते हुए सतर्कता बरती जाएगी।

बयान में कहा गया कि जोखिम का सही तरीके से प्रबंधन करते हुए विकास को बढ़ावा देने के कदम उठाए जाएंगे। इससे मध्यम अवधि में विकास की संभावनाओं और रोजगारों में वृद्धि होगी। समूह के देश यह सुनिश्चित करेंगे कि बिस्बेन बैठक में मंजूर की गईं मजबूत, टिकाऊ व संतुलित विकास की रणनीतियों को लागू किया जाए। वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता बनाए रखने के लिए विकास और रोजगार वृद्धि पर जोर दिया जाएगा। इसके अलावा टैक्स चोरी की समस्या से निपटा जाएगा। जी-20 देशों के सामूहिक सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में दो फीसद की बढ़ोतरी के लिए अगले पांच साल में मौजूदा नीतियों के तहत नए कदम उठाए जाएंगे।

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