केंद्र सरकार देश के 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में हाई-स्पीड वायरलेस इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने के लिए इन्हें वाईफाई हॉटस्पॉट से लैस करने की तैयारी कर रही है। मौजूदा ऑप्टीकल फाइबर नेटवर्क परियोजना का दायरा बढ़ाकर ग्राम पंचायतों में यह सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। परियोजना के तहत सरकार इस नेटवर्क पर
By Edited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश के 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में हाई-स्पीड वायरलेस इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने के लिए इन्हें वाईफाई हॉटस्पॉट से लैस करने की तैयारी कर रही है। मौजूदा ऑप्टीकल फाइबर नेटवर्क परियोजना का दायरा बढ़ाकर ग्राम पंचायतों में यह सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। परियोजना के तहत सरकार इस नेटवर्क पर दो मेगाबाइट प्रति सेकेंड की स्पीड वाली ब्रॉडबैंड सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है। इस रफ्तार पर एक भारतीय फिल्म करीब 41 मिनट में डाउनलोड की जा सकेगी।
पढ़ें : जल्द आप इंटरनेट से भी कर सकेंगे फोन दूरसंचार विभाग (डॉट) द्वारा तैयार किए जा रहे प्रस्ताव के मुताबिक पंचायतों को वाईफाई से लैस करने पर 5,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा। फिलहाल, नेशनल ऑप्टीकल फाइबर नेटवर्क परियोजना (एनओएफएन) की लागत 20 हजार करोड़ रुपये है। एक अधिकारी ने कहा कि डॉट करीब 2.5 लाख पंचायतों में कम कीमतों पर ब्रॉडबैंड सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एनओएफएन का दायरा बढ़ाने पर विचार कर रहा है। रुपये की कीमत में आई गिरावट के कारण परियोजना की लागत और बढ़ सकती है। यह प्रस्ताव पहले दूरसंचार आयोग की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, उसके बाद इस पर कैबिनेट की मंजूरी ली जाएगी।
पढ़ें : वायरलेस ब्रॉडबैंड दरों में रियायतें एनओएफएन परियोजना के तहत सरकार इस नेटवर्क पर दो मेगाबाइट प्रति सेकेंड की स्पीड वाली ब्रॉडबैंड सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है। इस रफ्तार पर एक भारतीय फिल्म करीब 41 मिनट में डाउनलोड की जा सकेगी।
इंटरनेट कारोबार को लगेगा झटका, इस्तेमाल होगा 30 फीसद महंगा अधिकारी ने कहा कि वाईफाई डिवाइस कम कीमतों पर उपलब्ध हैं, इसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में इनकी उपलब्धता की समस्या भी नहीं होगी। सरकार ने अक्टूबर 2011 में एनओएफएन के तहत 20,000 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की थी। उम्मीद की जा रही थी कि वर्ष 2012 के अंत तक इस नेटवर्क का संचालन शुरू हो जाएगा लेकिन अब यह काम वर्ष 2014-15 में ही पूरा होने की उम्मीद है।