विमानन सुरक्षा पर नाक बचाने में जुटी सरकार
भारत की विमानन सुरक्षा ग्रेडिंग घटाने की अमेरिकी विमानन नियामक एफएए की धमकी का असर दिखने लगा है। केंद्र सरकार ने न केवल डीजीसीए में 75 नए फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टरों की भर्ती की इजाजत दे दी है, बल्कि डीजीसीए की जगह सीएए बनाने का बिल संसद से जल्द पारित कराने का भरोसा भी दिया है।
By Edited By: Updated: Wed, 29 Jan 2014 06:21 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत की विमानन सुरक्षा ग्रेडिंग घटाने की अमेरिकी विमानन नियामक एफएए की धमकी का असर दिखने लगा है। केंद्र सरकार ने न केवल डीजीसीए में 75 नए फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टरों की भर्ती की इजाजत दे दी है, बल्कि डीजीसीए की जगह सीएए बनाने का बिल संसद से जल्द पारित कराने का भरोसा भी दिया है।
पढ़ें: भारत में भी उड़ेंगे ए-380 विमान विमानन महानिदेशालय में विमानों की जांच के लिए एक चीफ, छह डिप्टी, 17 सीनियर व 40 सामान्य समेत कुल 64 फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टरों की भर्ती होगी। वहीं, हेलीकॉप्टरों की जांच के लिए एक डिप्टी, तीन सीनियर व सात सामान्य समेत कुल 11 फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर भर्ती किए जाएंगे। डीजीसीए में फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टरों की भारी कमी है। डीजीसीए के लिए कुल 950 मंजूर पदों में से 35 फीसद खाली हैं। एयरवर्दीनेस ऑफीसरों के प्रशिक्षण की समुचित सुविधाएं भी नहीं हैं। इस कारण विमानों व हेलीकॉप्टरों की सही ढंग से जांच नहीं हो पाती। अमेरिकी नियामक फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने पिछले साल सितंबर में डीजीसीए की ऑडिट में जो 31 खामियां पाई थीं, उनमें से दो यही थीं। इसके बाद दिसंबर के ऑडिट में भी इन खामियों को ज्यों का त्यों पाया गया। इस पर एफएए ने नाराजगी जताई। उसे इस बात पर खास तौर पर एतराज था कि डीजीसीए फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टरों के रूप में उन्हीं एयरलाइनों के पायलटों की सेवाएं लेता है, जिनके विमानों की उन्हें जांच करनी होती है। उसने इसे 'हितों का टकराव' बताते हुए चेतावनी दी थी कि यदि इस विसंगति को दूर नहीं किया गया तो भारत की विमानन सुरक्षा ग्रेडिंग को कैटेगरी-1 से घटाकर कैटेगरी-2 कर दिया जाएगा।
अब डीजीसीए फरवरी-मार्च तक जरूरी फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर लेगा। उसने एयरवर्दीनेस अफसरों के प्रशिक्षण के इंतजाम भी काफी हद तक कर लिए हैं। उम्मीद है कि मार्च तक पहले बैच का प्रशिक्षण पूरा हो जाएगा। डीजीसीए ने तात्कालिक जरूरत पूरी करने के लिए 18 चीफ व सामान्य फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टरों की अनुबंध के आधार पर नियुक्ति की है। इन्हें एयरलाइन पायलटों जितना वेतन दिया जाएगा। इस बीच, सरकार ने डीजीसीए की जगह सिविल एविएशन अथॉरिटी (सीएए) के गठन की प्रक्रिया भी तेज कर दी है। संबंधित विधेयक संसद में विचाराधीन है। इस पर संसद की स्थायी समिति की सिफारिशें प्राप्त हो गई हैं। उम्मीद है कि पांच फरवरी से शुरू होने वाले विस्तारित शीत सत्र में विधेयक पारित हो जाएगा।