इंडिया इंक भी चलाएगा स्वच्छता कार्यक्रम
देश का उद्योग जगत भी प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर अपने स्तर पर स्वच्छता कार्यक्रम चलाने के लिए आगे आया है। देश की सरकारी और निजी क्षेत्र की तमाम दिग्गज कंपनियों के साथ ही छोटी-छोटी कंपनियों ने भी कहा है कि वे स्वच्छता को अपनी कार्यशैली में उतारने के लिए वचनबद्ध हैं।
By Vivek PandeyEdited By: Updated: Fri, 03 Oct 2014 08:01 AM (IST)
नई दिल्ली। देश का उद्योग जगत भी प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर अपने स्तर पर स्वच्छता कार्यक्रम चलाने के लिए आगे आया है। देश की सरकारी और निजी क्षेत्र की तमाम दिग्गज कंपनियों के साथ ही छोटी-छोटी कंपनियों ने भी कहा है कि वे स्वच्छता को अपनी कार्यशैली में उतारने के लिए वचनबद्ध हैं।
स्वच्छ भारत अभियान के लिए प्रधानमंत्री के नवरत्नों में शामिल एडीएजी समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी ने कहा 'मैं इस अभियान के प्रति खुद को समर्पित करता हूं और अन्य लोगों को इस अभियान का हिस्सेदार बनाऊंगा' उद्योग चैंबर एसोचैम ने अपने सभी सदस्यों को अपने स्तर पर स्वच्छता कार्यक्रम चलाने और जागरुकता फैलाने का काम करने को कहा गया है। सदस्यों से कहा गया है कि वे अपने सामाजिक दायित्व कोष का अहम हिस्सा शौचालयों के निर्माण पर खर्च करें। सीआइआइ ने अगले वित्त वर्ष के दौरान दस हजार स्कूलों में शौचालय निर्माण करवाने की बात कही है। सीआइआइ के देश भर में फैले 64 कार्यालयों के जरिए स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा। संगठन के 7200 प्रत्यक्ष और एक लाख के करीब परोक्ष सदस्य मोदी सरकार के स्वच्छता कार्यक्रम को हकीकत में बदलने की हरसंभव कोशिश करेंगे। सीआइआइ का कहना है कि स्वच्छता कार्यक्रम सीधे तौर पर देश की तरक्की से जुड़ा है। स्कूलों में शौचालय का नहीं होना लड़कियों की शिक्षा में एक अहम अड़चन है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 1.01 लाख स्कूलों में बालिकाओं के लिए शौचालय नहीं है। चैंबर केंद्र के साथ ही राज्य सरकारों के साथ मिल कर इस बारे में अभियान शुरु करेगा। सीआइआइ ने एक विशेष समिति भी गठित करने का फैसला किया है जो इस बारे में सरकार के सुझाव पर काम करेगी। एक अन्य उद्योग चैंबर फिक्की ने भी कहा है कि वह प्रधानमंत्री के सपने के मुताबिक, 2019 तक भारत को स्वच्छ बनाने के लिए सरकार को हरसंभव मदद करेगी। सरकारी कंपनियों के शीर्ष संगठन स्कोप ने भी स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने की शपथ ली है। सभी सरकारी कंपनियां अपने अपने स्तर पर बड़े बड़े कार्यक्रम शुरू करने जा रही हैं।