आधुनिक अर्थव्यवस्था की राह पर चले भारत: अमेरिकी थिंक टैंक
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में हो रहे आम चुनाव के परिणाम जल्द ही सामने आएंगे। भारत में नई सरकार का गठन होने में अब एक माह से कुछ ज्यादा समय ही रह गया है। ऐसे में अमेरिका के थिंक टैंक ने भारत ने कहा है कि वह धीमी अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए आधुनिक अर्थव्यवस्था की राह पर चले। इंफोर्मेशन टे
By Edited By: Updated: Tue, 22 Apr 2014 11:36 AM (IST)
वाशिंगटन। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में हो रहे आम चुनाव के परिणाम जल्द ही सामने आएंगे। भारत में नई सरकार का गठन होने में अब एक माह से कुछ ज्यादा समय ही रह गया है। ऐसे में अमेरिका के थिंक टैंक ने भारत ने कहा है कि वह धीमी अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए आधुनिक अर्थव्यवस्था की राह पर चले।
इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फाउंडेशन (आईटीआईएफ) ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'धीमी विकास दर को पटलने, वैश्विक प्रतिस्पर्धा की राह पर दौड़ने और भारतीय अर्थव्यवस्था में चमतकार को वापस लाने के लिए भारत को 'आधुनिक अर्थव्यवस्था की राह पर चलना होगा'। इसका मकसद प्रतिस्पर्धी बाजार में मौजूद सभी क्षेत्रों में अपनी उत्पादकता बढ़ाना, व्यापार का उदारीकरण और उन्नत नीतियों को बढ़ावा देना होगा।' आईटी सेक्टर के अमेरिकी थिंक टैंक की रिपोर्ट 'द इंडियन इकोनॉमी एट ए क्रॉसरोड' में कहा है कि यह रणनीति भारत में घरेलू स्तर पर उन्नत आधारित उद्योग को मजबूत करेगी जिससे वह वैश्विक स्तर पर प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकते हैं। साथ ही, भारत में उपयुक्त रोजगार सजृन और आय में इजाफे को हासिल करने में भी मदद मिलेगी। कुल 130 पन्नों से ज्यादा की रिपोर्ट कहा गया है कि पिछले एक दशक से भारतीय अर्थव्यवस्था की सफलता को उन्नत व्यापारिक नीतियों जैसे सरकार के लिए पीएमए नियम जिसके तहत बायो फार्मा बौद्धिक पूंजी का लाइसेंस और आईसीटी उत्पादों की खरीद से खतरा बढ़ रहा है। इन नीतियों का मकसद चुनिंदा घरेलू उद्योग को प्रोत्साहन देना है।
रिपोर्ट में कहा गया, 'हालांकि, इस नीति से लघु अवधि के लिए फायदा होगा लेकिन लंबे समय में यह घरेलू उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। साथ ही भारत के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश कम होगा।' पढ़ें : भारत ने अमेरिकी सरकार की प्रतिभूतियों में अपना निवेश घटाया