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इंडिया इंक चाहता है भ्रष्टाचार मुक्त सरकार

स्वच्छ छवि वाली और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देश की अर्थव्यवस्था को दोबारा तेज विकास की पटरी पर ला सकती है। प्रमुख उद्योग संगठनों ने आम चुनाव के बाद बनने वाली सरकार के संबंध में यह राय जताई है। उद्योग संगठन सीआइआइ के नामित प्रेसीडेंट सुमित मजूमदार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में लोग बेहद झुंझला गए हैं और अब सवाल कर रह

By Edited By: Updated: Thu, 03 Apr 2014 09:26 AM (IST)

कोलकाता। स्वच्छ छवि वाली और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देश की अर्थव्यवस्था को दोबारा तेज विकास की पटरी पर ला सकती है। प्रमुख उद्योग संगठनों ने आम चुनाव के बाद बनने वाली सरकार के संबंध में यह राय जताई है।

उद्योग संगठन सीआइआइ के नामित प्रेसीडेंट सुमित मजूमदार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में लोग बेहद झुंझला गए हैं और अब सवाल कर रहे हैं। देश की बेहतरी के लिए भ्रष्टाचार मुक्त सरकार काफी अहम होगी। पिछले कुछ साल में भारतीय अर्थव्यवस्था में जो कुछ हुआ है वह किसी आर्थिक चक्र का परिणाम नहीं बल्कि पूरी तरह से मानव निर्मित है। यह सरकार में भरोसा घटने का परिणाम है। भारी भ्रष्टाचार के कारण कारोबारी विश्वास बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

मजूमदार ने कहा कि कोई भी नोटिस कर सकता है कि आम चुनाव की घोषणा के बाद कारोबारी विश्वास में खासा इजाफा हुआ है। सेंसेक्स और विदेशी निवेश लगातार बढ़ रहे हैं। बुनियादी उद्योगों के प्रदर्शन में भी सुधार हुआ है। लोग चुनाव के बाद अच्छी सरकार बनने की उम्मीद कर रहे हैं। पिछले कुछ साल से बुनियादी ढांचा क्षेत्र में विकास गतिविधियां ठप पड़ी हैं। आगामी सरकार को भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए स्पष्ट प्लान पेश करना चाहिए।

एसोचैम के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट सुनील कनोरिया ने कहा कि भ्रष्टाचार कारोबारी विश्वास पर बेहद बुरा असर डाल रहा है। इसे दूर किया जाना चाहिए। यह आसान काम नहीं है, इसके लिए पारदर्शी और सही नीतियां लागू की जानी चाहिए। कनोरिया ने कहा कि नई सरकार को पिछली सरकार द्वारा पारित किए गए कुछ कानूनों की भी समीक्षा करनी चाहिए। पिछली तारीख से टैक्स लगाने वाला आयकर कानून निवेश बढ़ाने में बाधक है। कोई भी कानून पिछली तारीख से लागू नहीं किया जाना चाहिए।

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