एयरलाइनों को घाटे वाले रूटों पर मिलेगी सब्सिडी
सरकार ने घाटे वाले रूटों पर उड़ानों को बढ़ावा देने के लिए रूट डिस्पर्सल गाइडलाइंस (आरडीजी) में संशोधन की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत नया सीट क्रेडिट सिस्टम लाया जाएगा। इसमें जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और अंडमान निकोबार जैसे रूटों पर उड़ान भरने वाली एयरलाइनों को सब्सिडी मिलेगी। मौजूद
By Edited By: Updated: Sun, 23 Feb 2014 09:21 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकार ने घाटे वाले रूटों पर उड़ानों को बढ़ावा देने के लिए रूट डिस्पर्सल गाइडलाइंस में संशोधन की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत नया सीट क्रेडिट सिस्टम लाया जाएगा। इसमें जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और अंडमान निकोबार जैसे रूटों पर उड़ान भरने वाली एयरलाइनों को सब्सिडी मिलेगी।
मौजूदा गाइडलाइंस के तहत सभी घरेलू एयरलाइनों के लिए अपनी कम से कम दस फीसद उड़ानें पिछड़े और सुदूरवर्ती इलाकों के शहरों के लिए संचालित करना अनिवार्य हैं। कैटेगरी-2 के इन रूटों को आम तौर पर घाटे वाला लेकिन सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। मगर गाइडलाइंस में खामियों के चलते ज्यादातर एयरलाइनें इन रूटों पर उड़ानों से बचती रही हैं। वहीं, सरकारी एयरलाइन होने के चलते एयर इंडिया इसका पालन करती है और उसे इससे घाटा होता रहा है। मगर अब एयर एशिया इंडिया जैसी नई सस्ते किराये वाली एयरलाइन के जल्द ही मैदान में कूदने और मझोले व छोटे शहरों के लिए उड़ानों में बढ़ोतरी की नई नीति के तहत सरकार आरडीजी में संशोधन करने पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक विमानन मंत्रालय आरडीजी की जगह यूरोपीय एमिशन ट्रेडिंग सिस्टम की तर्ज पर नया सीट क्रेडिट सिस्टम लाने पर विचार कर रहा है। इसके तहत घाटे वाले रूटों पर उड़ानों को बढ़ावा देने के लिए एयरलाइनों को सब्सिडी दी जाएगी। इसके लिए 250-300 करोड़ रुपये का एक 'आवश्यक सेवा कोष' बनाने का प्रस्ताव है। कोष के लिए राशि हवाई टिकटों पर शुल्क लगाकर जुटाई जाएगी। यह व्यवस्था उस प्रावधान की जगह लेगी जिसमें एयरलाइनों को आरडीजी रूटों की फालतू सीटें दूसरी एयरलाइनों को बेचने की सुविधा थी। इस व्यवस्था से निजी एयरलाइनों को तो राहत मिली, लेकिन एयर इंडिया को नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि ज्यादातर निजी एयरलाइनों ने अपनी आरडीजी कोटे की सीटें एयर इंडिया को बेचनी शुरू कर दी। संसदीय समिति ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि निजी एयरलाइनें अपना घाटा एयर इंडिया पर थोप रही हैं। सार्वजनिक उपक्रमों संबंधी समिति ने तो इसके लिए निजी एयरलाइनों पर जुर्माना लगाने तक की सिफारिश कर दी। यही वजह है कि इस स्कीम को बंद करना पड़ा।
घाटे के रूटों के बाबत रोहित नंदन समिति की सिफारिशों के अनुसार गुवाहाटी, बागडोगरा, जम्मू, पोर्ट ब्लेयर और लक्षद्वीप को कैटेगरी-2 रूटों के साथ क्लब किए जाने की जरूरत है। इससे एयरलाइनों को अतिरिक्त क्षमता हासिल होगी और वे घाटे से बच सकेंगी। पढ़े: फ्लाइट नहीं पकड़वाना एयरलाइन को पड़ा महंगा