कहते हैं कि दिग्गज कंपनियां मंदी के संकट काल में ही अपना सबसे बड़ा अस्त्र इस्तेमाल करती हैं। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी भी यही करने जा रही है। पिछले दो सालों से घट रही बिक्री और उससे भी ज्यादा रफ्तार से घट रही बाजार हिस्सेदारी के बाद मारुति सुजुकी ने अब अपना सबसे बड़ा दांव खेलने का फैसला
By Edited By: Updated: Mon, 27 Jan 2014 09:25 PM (IST)
नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। कहते हैं कि दिग्गज कंपनियां मंदी के संकट काल में ही अपना सबसे बड़ा अस्त्र इस्तेमाल करती हैं। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी भी यही करने जा रही है। पिछले दो सालों से घट रही बिक्री और उससे भी ज्यादा रफ्तार से घट रही बाजार हिस्सेदारी के बाद मारुति सुजुकी ने अब अपना सबसे बड़ा दांव खेलने का फैसला किया है। कंपनी ने भारतीय ग्राहकों के लिए पहली बार कम कीमत में बगैर गियर वाली कार बाजार में उतारने का फैसला किया है। सेलेरियो नाम की यह छोटी कार अगले महीने की शुरुआत में उतारी जाएगी।
मारुति सुजुकी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (मार्केटिंग व सेल्स) मयंक पारीक ने दैनिक जागरण को बताया कि 'अमेरिका में 90 फीसद कारें गियरलेस हैं, जबकि जापान में 95 फीसद। यूरोपीय देशों में भी यह आंकड़ा 70 फीसद से ज्यादा है। लेकिन भारत में महज दो फीसद कारें ही गियरलेस होती हैं, जबकि ये चलाने में काफी आसान होती हैं।'
पारीक मानते हैं कि सेलेरियो के साथ ही भारत में गियरलेस कारों का दौर शुरू हो जाएगा। वर्ष 2020 तक देश की 30 फीसद तक कारें बगैर गियर वाली होंगी। सेलेरियो को तैयार करने में कंपनी को चार वर्ष से ज्यादा लगे हैं, लेकिन अब कंपनी जल्दी जल्दी गियरलेस मॉडल उतारना चाहती है।
नई कॉम्पेक्ट कार बाजार में उतारेगी मारुति कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि भारत में गियरलेस कारों के अभी तक सफल नहीं होने के पीछे दो प्रमुख वजहें थी। ज्यादा कीमत और कम माइलेज। सेलेरियो में इन दोनों समस्याओं को काबू में रखा गया है। कीमत का खुलासा कंपनी तो लांचिंग के समय ही करेगी, लेकिन माना जा रहा है कि हुंडई की गियरेलस आइ-10 के मुकाबले सेलेरियो की कीमत एक से डेढ़ लाख रुपये कम होगी। कंपनी ने 23.1 किलोमीटर माइलेज का दावा किया है, जिसे कॉम्पैक्ट वर्ग में सबसे बेहतरीन माइलेज कहा जा सकता है। इसके अलावा भी सेलेरियो में मारुति ने अपनी अन्य कमियों को दूर करने की कोशिश की है। नया प्लेटफार्म देकर अंदर सवारियों के लिए ज्यादा जगह बनाई गई है।
गियर बदलने का झंझट नहींबगैर गियर वाली कार की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसमें गियर बदलने का झंझट नहीं होता। एक गियर होता है जिसे सिर्फ ड्राइविंग मोड में डालना होता है। स्पीड बढ़ने व घटने के साथ अपने आप ही गियर भी बदल जाते हैं। इस तकनीकी की कारों की सबसे बड़ी खामी ईंधन की ज्यादा खपत होती है, जिस पर मारुति के इंजीनियरों ने काबू पाने का दावा किया है।