नरेंद्र मोदी बदल सकते हैं योजना आयोग का चेहरा
भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योजना आयोग का चेहरा बदल सकते हैं। माना जा रहा है कि मोदी सरकार आयोग को पंचवर्षीय योजना बनाने के बजाय 20 से 30 वर्ष की दीर्घकालिक योजनाएं बनाने वाले थिंक टैंक का रूप दे सकती है। इसके साथ ही विभिन्न मंत्रालयों और राज्यों के लिए धन आवंटन के संबंध में आयोग की शक्तियां भी छिन सकती हैं। योजना आयोग का गठन वर्ष 1950 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया था। संप्रग सरकार के कार्यकाल में आयोग की भूमिका काफी बढ़ी है।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योजना आयोग का चेहरा बदल सकते हैं। माना जा रहा है कि मोदी सरकार आयोग को पंचवर्षीय योजना बनाने के बजाय 20 से 30 वर्ष की दीर्घकालिक योजनाएं बनाने वाले थिंक टैंक का रूप दे सकती है। इसके साथ ही विभिन्न मंत्रालयों और राज्यों के लिए धन आवंटन के संबंध में आयोग की शक्तियां भी छिन सकती हैं। योजना आयोग का गठन वर्ष 1950 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया था। संप्रग सरकार के कार्यकाल में आयोग की भूमिका काफी बढ़ी है।
सूत्रों का कहना है कि विभिन्न मंत्रालयों के योजनागत आवंटन को तय करने का काम वित्त मंत्रालय के अधीन किया जा सकता है। आयोग की भूमिका सिर्फ 20 से 30 वर्ष की दीर्घकालिक योजनाएं और कार्यक्रम बनाने वाले थिंक टैंक के रूप में सीमित हो सकती है। आयोग की मौजूदा भूमिका और कामकाज के तरीके पर मोदी पहले भी सवाल उठाते रहे हैं। बीते साल उन्होंने योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया के साथ बैठक में एक वीडियो क्लिप दिखाकर आयोग के कामकाज में खामियां उजागर की थीं। यह भी बताया जाता है कि योजना आयोग के संदर्भ में मोदी अपनी गुजरात की कार्यशैली को दोहराएंगे।