बिना बैंक अकाउंट के भी एटीएम से निकाल सकेंगे पैसे
अब जल्दी ही ऐसे लोग भी एटीएम से पैसा निकाल सकेंगे जिनका बैंक खाता नहीं है। यह महज कोरी कल्पना नहीं बल्कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने इसकी घोषणा की है। आरबीआइ ने इसके लिए एक नई भुगतान व्यवस्था तैयार करने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। फिलहाल केवल वही लोग एटीएम से नकदी निकाल सकते हैं जिनका किसी बैंक में ख
By Edited By: Updated: Thu, 13 Feb 2014 09:20 AM (IST)
मुंबई। अब जल्दी ही ऐसे लोग भी एटीएम से पैसा निकाल सकेंगे जिनका बैंक खाता नहीं है। यह महज कोरी कल्पना नहीं बल्कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने इसकी घोषणा की है।
आरबीआइ ने इसके लिए एक नई भुगतान व्यवस्था तैयार करने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। फिलहाल केवल वही लोग एटीएम से नकदी निकाल सकते हैं जिनका किसी बैंक में खाता है। पढ़ें : अब एटीएम से निकलेगा दूध और चॉकलेट आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि ऐसा भुगतान तंत्र स्थापित करने की मंजूरी दी गई है जिसमें एटीएम से नकदी निकालने के लिए बैंक खाते की जरूरत नहीं पड़ेगी। राजन यहां वित्तीय समावेश और टेक्नोलॉजी पर नैस्कॉम इंडिया लीडरशिप समिट को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था के तहत भुगतान करने वाले व्यक्ति का खाता होना जरूरी होगा। भुगतान की प्रक्रिया को एक मध्यस्थ के जरिये पूरा किया जाएगा।
पढ़ें : अपने बैंक से महीने में सिर्फ 5 बार एटीएम ट्रांजैक्शन मुफ्त! मध्यस्थ नकदी प्राप्त करने वाले व्यक्ति को मोबाइल के जरिये एक कोड भेजेगा। इस कोड से किसी भी एटीएम से नकदी की निकासी की जा सकेगी। इस व्यवस्था में ग्राहक की पहचान, ट्रांजेक्शन की वैधता और धोखाधड़ी की निगरानी जैसे सभी सुरक्षा उपायों का ध्यान रखा जाएगा।
पढ़ें : हड़ताली कर्मियों के सामने नहीं झुकेगी केंद्र सरकार राजन ने कहा कि हमें ऐसे कई नवाचारी उत्पादों की जरूरत है। देश में ऐसे लोगों की बड़ी संख्या मौजूद है जिन्हें भुगतान हासिल करना होता है लेकिन उनके पास कोई बैंक खाता नहीं है। यदि हम बैंक खाते और मोबाइल वॉलेट के बीच ट्रांजेक्शन का सुरक्षित तरीका तैयार कर सके तो यह भुगतान का बेहद सस्ता और यूनिवर्सल तरीका होगा। नचिकेत मोर समिति ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पेमेंट बैंकों की स्थापना का सुझाव दिया है। इसके अलावा, दूरदराज के इलाकों में आर्थिक सेवाएं देने वाली संस्थाओं और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं (एनबीएफसी) को इसमें भागीदार बनाने का सुझाव दिया गया है।