Move to Jagran APP

डीजल के दाम में होगी तगड़ी वृद्धि

कमजोर रुपये की मार आम जनता पर दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। इस क्रम में अब डीजल की कीमतों का भारी बोझ पड़ना तय है। इसका असर न सिर्फ आम जनता पर पड़ेगा, बल्कि कार कंपनियों और महंगाई की दर पर भी दिखाई देगा। तेल कंपनियां सरकार से डीजल को पांच रुपये प्रति लीटर तक महंगा करने की अनुमति मांग रही हैं। मगर पेट्रोलियम मंत्री

By Edited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
Hero Image

नई दिल्ली। कमजोर रुपये की मार आम जनता पर दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। इस क्रम में अब डीजल की कीमतों का भारी बोझ पड़ना तय है। इसका असर न सिर्फ आम जनता पर पड़ेगा, बल्कि कार कंपनियों और महंगाई की दर पर भी दिखाई देगा। तेल कंपनियां सरकार से डीजल को पांच रुपये प्रति लीटर तक महंगा करने की अनुमति मांग रही हैं। मगर पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली इस बारे में फैसला राजनीतिक तौर पर विचार-विमर्श करने के बाद करेंगे।

पेट्रोलियम मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय भी चाहता है कि डीजल की कीमत में बड़ी वृद्धि हो ताकि सरकार के खजाने पर कम से कम बोझ पड़े। फैसला संसद के मौजूदा मानसून सत्र के बाद होने की संभावना है। फिलहाल तेल कंपनियों और पेट्रोलियम मंत्रालय के बीच इस पर विचार-विमर्श हो रहा है। बहुत संभंव है कि मोइली इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से विचार-विमर्श के बाद अंतिम फैसला करें। यह एकमुश्त वृद्धि हर महीने होने वाली 50 पैसे की वृद्धि से अलग होगी। नंवबर, 2013 में पांच बड़े राज्यों में चुनाव को देखते हुए सरकार की मंशा जल्द से डीजल की कीमत में एकमुश्त वृद्धि करने की है ताकि चुनाव तक इसका असर कम रहे।

दरअसल, तेल कंपनियों ने डीजल पर घाटे को देखते हुए सरकार को एक तरह का त्राहिमाम संदेश भेज दिया है। देश की सबसे बड़ी तेल मार्केटिंग कंपनी इंडियन ऑयल के मुताबिक अप्रैल, 2013 से अभी तक डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 12 फीसद घट चुकी है। डीजल पर होने वाला घाटा इस दौरान तीन रुपये से बढ़ कर 10.22 रुपये प्रति लीटर हो चुका है। अगर यही हाल रहा तो वर्ष 2013-14 में तेल कंपनियों की अंडररिकवरी (कम कीमत पर उत्पाद बेचने पर अनुमानित घाटा) 1.40 लाख करोड़ रुपये तक हो सकती है। इसका एक बड़ा हिस्सा सरकार को अपने खजाने से देना पड़ सकता है।

केरोसिन पर इस समय 33.54 रुपये और सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर पर 412 रुपये प्रति सिलेंडर का घाटा हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक केरोसिन की कीमत में तो वृद्धि की संभावना नहीं है। मगर सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर को लेकर कुछ फैसला हो सकता है। पेट्रोल पर तेल कंपनियों को अभी कोई घाटा नहीं हो रहा है।