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केजी डी 5 ब्लॉक में चार अरब डॉलर निवेश करेगी ओएनजीसी

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी ने कहा है कि केजी बेसिन में डी5 ब्लॉक के 98/2 फील्ड में निवेश का प्लान इस महीने के अंत में या अगले महीने के शुरू में तैयार कर लेगा। कंपनी इस ब्लॉक में चार अरब डॉलर (करीब 27000 करोड़ रुपये) निवेश करेगी।

By Rajesh KumarEdited By: Updated: Sat, 12 Mar 2016 09:48 PM (IST)
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नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी ने कहा है कि केजी बेसिन में डी5 ब्लॉक के 98/2 फील्ड में निवेश का प्लान इस महीने के अंत में या अगले महीने के शुरू में तैयार कर लेगा। कंपनी इस ब्लॉक में चार अरब डॉलर (करीब 27000 करोड़ रुपये) निवेश करेगी। हाल में सरकार ने तेल व गैस सेक्टर में कई सुधारवादी कदम उठाए थे।

डी5 ब्लॉक ओएनजीसी और देश के लिए दूसरा सबसे बड़ा तेल व गैस का फील्ड होगा। बांबे हाई ऑयल फील्ड और भसीन गैस फील्ड इससे ज्यादा बड़े हैं। ओएनजीसी के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर एस. के. सर्राफ ने संवाददाताओं को बताया कि निवेश का प्लान इस महीने के अंत तक या अगले महीने के शुरू में तैयार हो जाएगा। वह अभी यह नहीं बता सकते हैं कि इसमें कितना निवेश होगा लेकिन यह तय है कि यह निवेश कई अरब डॉलर का होगा। छह दशक से ज्यादा के उसके इतिहास में यह निवेश किसी एक फील्ड पर सबसे ज्यादा होगा।

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सर्राफ ने निवेश की रकम के बारे में कुछ भी बताने से इंकार कर दिया लेकिन कंपनी के सूत्रों ने निवेश के बारे में बताया कि फील्ड के आकार और अल्ट्रा डीप वाटर ड्रिलिंग तकनीक होने के कारण इस पर अगले तीन वर्षों में निवेश चार अरब डॉलर तक हो सकता है। इसमें उत्पादन तीन साल बाद शुरू हो सकता है।

सर्राफ ने कहा कि 2019 के अंत में आंध्र के तट पर इस फील्ड में काम पूरा होने के बाद इसमें से रोजाना 75,000 बैरल कच्चा तेल और 170 लाख स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन होगा। 2020 के बाद 15 वर्षों में इस फील्ड से 230 लाख बैरल कच्चा तेल और 507 लाख क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन होने लगेगा।

उन्होंने सरकार द्वारा घोषित नई तेल व गैस नीति को पिछले कई दशकों की सबसे अच्छा घटना बताया। कैबिनेट ने 10 मार्च को कठिन क्षेत्रों में निकाली गई गैस के लिए नए प्राइसिंग फॉर्मूले को मंजूरी दी थी। इसकी कीमत फ्यूल ऑयल, नैप्था और आयातित कोयले के वेटेड वार्षिक औसत मूल्य पर आधारित होगी।