महंगे प्याज ने बिगाड़ा सस्ते कर्ज का गणित
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अगर त्योहारी सीजन में रिजर्व बैंक [आरबीआइ] कर्ज सस्ता नहीं कर पा रहा तो इसका पूरा ठीकरा महंगे प्याज के सिर फोड़ा जाना चाहिए। इस साल सितंबर में प्याज की थोक कीमतों में 323 फीसद की वृद्धि ने महंगाई की दर को लगातार तीसरे महीने बढ़ाकर सात माह के ऊंचे स्तर 6.46 फीसद के स्तर पर पहुंचा दिया है। खुदरा मूल्यों वाली महंग
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अगर त्योहारी सीजन में रिजर्व बैंक [आरबीआइ] कर्ज सस्ता नहीं कर पा रहा तो इसका पूरा ठीकरा महंगे प्याज के सिर फोड़ा जाना चाहिए। इस साल सितंबर में प्याज की थोक कीमतों में 323 फीसद की वृद्धि ने महंगाई की दर को लगातार तीसरे महीने बढ़ाकर सात माह के ऊंचे स्तर 6.46 फीसद के स्तर पर पहुंचा दिया है। खुदरा मूल्यों वाली महंगाई दर भी बढ़कर 9.84 फीसद हो गई है। इसके साथ ही यह साफ हो गया है कि महंगाई को काबू करने की कोशिश में ब्याज दरों में राहत मिलने वाली नहीं है। आरबीआइ इस महीने के अंत में मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा पेश करेगा।
सरकार की ओर से सोमवार को खुदरा और थोक मूल्यों के आंकड़े जारी किए गए। इनके मुताबिक दोनों तरह की महंगाई में बढ़ोतरी हो रही है। अगस्त, 2013 में थोक मूल्य आधारित महंगाई की दर 6.1 फीसद और जुलाई में 5.79 फीसद थी। इसी तरह अगस्त में खुदरा महंगाई दर 9.52 फीसद थी।