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क्यों हमेशा त्योहारों में ही बढ़ता है किराया, एयरलाइनों पर गुटबंदी का आरोप

पिछले एक हफ्ते में हवाई किरायों में 25 फीसद की खासी बढ़ोतरी को लेकर एयरलाइनों पर एक बार फिर गुटबंदी का आरोप लगा है। एयरलाइनों को इस आरोप में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) में घसीटने का काम इस बार एयर पैसेंजर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एपीएआइ) ने किया है। सीसीआइ चेयरमैन अशोक चावला को शनिवार को सौंप

By Edited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
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मुंबई। पिछले एक हफ्ते में हवाई किरायों में 25 फीसद की खासी बढ़ोतरी को लेकर एयरलाइनों पर एक बार फिर गुटबंदी का आरोप लगा है। एयरलाइनों को इस आरोप में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) में घसीटने का काम इस बार एयर पैसेंजर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एपीएआइ) ने किया है।

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सीसीआइ चेयरमैन अशोक चावला को शनिवार को सौंपी गई याचिका में एपीएआइ ने यह भी आरोप लगाया है कि घरेलू एयरलाइनें हर बार किरायों में बढ़ोतरी त्योहारी सीजन के समय ही करती हैं।

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चेन्नई स्थिति एपीएआइ के प्रेसीडेंट डी सुधाकर रेड्डी ने कहा कि कुछ दिनों पहले जेट ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी हुई और सभी एयरलाइनों ने एक के बाद एक किराये में 25 फीसद की बढ़ोतरी कर दी। इससे स्पष्ट है कि गुटबंदी चल रही है।

सीसीआइ से तुरंत हस्तक्षेप की मांग करते हुए रेड्डी ने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ है जब मिलजुलकर किराये बढ़ाए गए हैं। एयरलाइनों के लिए यह गतिविधियां आम हो गई हैं। यदि आप ध्यान दें तो देखेंगे कि कीमतें त्योहारी सीजन से ठीक पहले ही बढ़ाई जाती हैं। हमारा स्पष्ट रूप से मानना है कि यह कार्टेल पिछले तीन-चार साल से काम कर रहा है। पिछले सप्ताह एयर इंडिया और जेट एयरवेज सहित सभी एयरलाइनों ने किरायों में 25 फीसद की बढ़ोतरी की है। इससे पहले सितंबर में तेल कंपनियों ने जेट ईंधन की कीमत में 6.9 फीसद की वृद्धि की थी। गौरतलब है कि जेट, स्पाइस जेट, एयर इंडिया और इंडिगो सभी ने अपना हवाई किराया बढ़ा दिया है। किरायों में इजाफा होने से कई लोगों ने अपनी यात्राओं को टाल दिया है।