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डेढ़ रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकती है पेट्रोल की कीमत

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। रुपये की मजबूती का फायदा जल्द ही आम लोगों को मिल सकता है। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में पिछले चार-पांच दिनों में आई तेजी से पेट्रोल डेढ़ रुपये तक सस्ता हो सकता है। हालांकि, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में संभावित मूल्य वृद्धि से कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। इस बारे में अगले दो-तीन दिन के भीतर ही फैसला होने वाला है।

By Edited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। रुपये की मजबूती का फायदा जल्द ही आम लोगों को मिल सकता है। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में पिछले चार-पांच दिनों में आई तेजी से पेट्रोल डेढ़ रुपये तक सस्ता हो सकता है। हालांकि, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में संभावित मूल्य वृद्धि से कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। इस बारे में अगले दो-तीन दिन के भीतर ही फैसला होने वाला है।

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पेट्रोलियम सचिव विवेक रे का कहना है कि डॉलर की कीमत घटकर 63.50 पर आ गई है। इससे तेल कंपनियों को काफी राहत है। सीरिया पर हमला टलने से भी बेहतर माहौल बना है और कच्चे तेल की कीमतों में थोड़ी-बहुत गिरावट दर्ज की गई है। इससे डीजल कीमतों में तत्काल वृद्धि करने जैसी स्थिति तो नहीं है, लेकिन इसे ज्यादा दिनों तक टाला भी नहीं जा सकता। यह एक राजनीतिक फैसला होगा जिसमें कुछ बोझ जनता को उठाना पड़ेगा और कुछ सरकार को।'

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तेल कंपनियों का कहना है कि पिछले एक हफ्ते के आधार पर तो पेट्रोल पर घाटा पूरी तरह से खत्म हो चुका है। पेट्रोल को एक से डेढ़ रुपये तक सस्ता किया जा सकता है। अंतिम फैसला तेल कंपनियां एक सितंबर से 15 सितंबर के दौरान कच्चे तेल (क्रूड) की औसत कीमत और डॉलर की कीमत को देखते हुए करेंगी। डीजल को लेकर पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली लगातार कांग्रेस आलाकमान के संपर्क में हैं। तेल कंपनियां डीजल की कीमत में कम से कम पांच रुपये प्रति लीटर की वृद्धि चाहती हैं। मोइली भी इसके पक्ष में थे। मगर रुपये की मजबूती को देखते हुए हो सकता है कि अब यह वृद्धि थोड़ी कम हो।

कुछ ऐसा ही रसोई गैस को लेकर होगा। बताते चलें कि डीजल पर अभी तेल कंपनियों को 10.22 रुपये प्रति लीटर और रसोई गैस पर 412 रुपये प्रति गैस सिलेंडर का घाटा हो रहा है। सरकार सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 50 रुपये बढ़ाने की मंशा रखती है। सनद रहे कि डॉलर के मुकाबले रुपये की घटी कीमत से तेल कंपनियों का घाटा काफी बढ़ गया है।