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राजन बोले थैंक्यू केसी चक्रबर्ती, उम्मीदवार की तलाश जारी

आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन ने डिप्टी गवर्नर केसी चक्रबर्ती को केंद्रीय बैंक में उनकी सेवाओं के लिए धन्यवाद दिया है। राजन ने कहा कि उनके उत्तराधिकारी की तलाश शुरू की जा चुकी है। राजन ने अपने बयान में कहा कि रिजर्व बैंक कठिन समय में कई वर्षो तक चक्रबर्ती की सेवाओं के लिए उनका आभारी है। बैंकर के तौर पर उ

By Edited By: Updated: Sat, 22 Mar 2014 09:33 AM (IST)
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मुंबई। आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन ने डिप्टी गवर्नर केसी चक्रबर्ती को केंद्रीय बैंक में उनकी सेवाओं के लिए धन्यवाद दिया है। राजन ने कहा कि उनके उत्तराधिकारी की तलाश शुरू की जा चुकी है। राजन ने अपने बयान में कहा कि रिजर्व बैंक कठिन समय में कई वर्षो तक चक्रबर्ती की सेवाओं के लिए उनका आभारी है।

बैंकर के तौर पर उनके अनुभव ने उन्हें सिस्टम की कमियों को पहचानने में सक्षम बनाया। इसी अनुभव की वजह से वह बदलाव के मुखर प्रवक्ता बने। उनकी सलाह से मुझे निजी रूप से काफी लाभ हुआ है। उन्होंने हमेशा अपने विचार मजबूती से रखे और तत्कालीन गवर्नरों के लिए बेहद मूल्यवान निर्देशक की भूमिका में रहे। पिछले कुछ वर्षो में चक्रबर्ती ने आरबीआइ की जोखिम आधारित निगरानी के कदमों का नेतृत्व किया है।

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आरबीआइ गवर्नर से मतभेद नहीं

गुरुवार को इस्तीफे की घोषणा कर चुके भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के डिप्टी गवर्नर केसी चक्रबर्ती ने मीडिया में चल रही अटकलों पर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि गवर्नर रघुराम राजन से उनका कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है। चक्रबर्ती का कार्यकाल 15 जून, 2014 को समाप्त होने वाला है।

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उन्होंने सेवानिवृत्ति से तीन महीने पहले ही पदभार छोड़ने की इच्छा जताई है। 62 वर्षीय चक्रबर्ती ने कहा कि उन्होंने आरबीआइ गवर्नर को अपने रिटायरमेंट की योजना की जानकारी पहले ही दे दी है। वह 25 अप्रैल तक पद पर बने रहेंगे।

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संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि मुझे अपनी सेवानिवृत्ति की तारीख चयन करने का विवेकाधिकार होना चाहिए। इसमें कोई समस्या नहीं है और गवर्नर को पहले ही इसकी जानकारी दे दी गई थी। यह मेरा निजी फैसला है।' नीतिगत मामलों पर राजन से मतभेद के सवाल पर चक्रबर्ती ने कहा कि इस तरह की कोई समस्या नहीं थी। वह भाग नहीं रहे हैं, बल्कि जल्दी पदमुक्त हो रहे हैं। भविष्य की योजना के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल कोई योजना नहीं है। चक्रबर्ती के पद छोड़ने के बाद आरबीआइ में डिप्टी गवर्नर के दो पद खाली हो जाएंगे। सरकार फिलहाल जनवरी में सेवानिवृत्त हुए आनंद सिन्हा की जगह भरने के लिए नए उम्मीदवार की तलाश कर रही है।