31 मार्च के बाद बंद होंगे 2005 से पहले के नोट
रिजर्व बैंक ने वर्ष 2005 से पहले जारी किए गए सभी नोट वापस लेने का फैसला किया है। बैंक ने इसका कारण नहीं बताया है। मगर माना जा रहा है कि कालेधन और नकली नोट पर अंकुश लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है। लंबे अरसे बाद नोट के जरिये इन गतिविधियों पर चोट पहुंचाने का केंद्रीय बैंक ने इंतजाम किया है। अभी तक कायदे का
By Edited By: Updated: Thu, 23 Jan 2014 08:29 AM (IST)
मुंबई। रिजर्व बैंक ने वर्ष 2005 से पहले जारी किए गए सभी नोट वापस लेने का फैसला किया है। बैंक ने इसका कारण नहीं बताया है। मगर माना जा रहा है कि कालेधन और नकली नोट पर अंकुश लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है। लंबे अरसे बाद नोट के जरिये इन गतिविधियों पर चोट पहुंचाने का केंद्रीय बैंक ने इंतजाम किया है। अभी तक कायदे कानून से ही इन पर रोक लगाने की कोशिश हो रही थी।
आरबीआइ की ओर से बुधवार को जारी बयान में कहा गया है कि 31 मार्च, 2014 के बाद वर्ष 2005 से पहले जारी किए गए नोटों का परिचालन बंद कर दिया जाएगा। एक अप्रैल से लोग अपने पुराने नोट बैंकों के जरिये बदल सकेंगे। इन नोटों का पता लोग आसानी से लगा सकते हैं क्योंकि ऐसे नोटों पर पिछली तरफ जारी होने का वर्ष छपा हुआ नहीं है। यह दूसरी तरफ बीच में सबसे नीचे छोटे अक्षर में छपा होता है। वर्ष 2005 से ही रिजर्व बैंक ने नोटों पर वर्ष छापने की शुरुआत की थी। यानी जिन नोटों पर वर्ष नहीं छपा है उसे बदलना सभी के लिए जरूरी होगा। पढ़ें: क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल को लेकर रहें सतर्क रिजर्व बैंक ने कहा है कि लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है। वे वापसी की इस प्रक्रिया में मदद करें। सभी पुराने नोट वैध रहेंगे और इसे किसी भी बैंक से बदला जा सकेगा। सभी बैंकों को आरबीआइ ने इसके लिए विशेष सुविधा मुहैया कराने का निर्देश दिया है। एक जुलाई के बाद 500 रुपये और 1,000 रुपये के 10 से ज्यादा नोट बदलने पर आपको बैंकों को पहचान और पते का प्रमाण देना होगा। वर्ष 2005 से जारी हो रहे नोटों में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। इसकी वजह से इनका नकल मुश्किल हो गया है। फिलहाल आरबीआइ पांच, 10, 20, 50, 100, 500 और 1,000 रुपये के नोट जारी करता है। नए नोटों में दूसरी तरफ बीच में सबसे नीचे छोटे अक्षर में जारी होने का वर्ष छपा होता है। वर्ष 2005 से पहले के नोटों में यह नहीं है। यानी ऐसे सभी नोटों को बदलना होगा