लगातार दूसरे महीने थोक महंगाई दर शून्य के करीब
ग्लोबल बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से थोक महंगाई दर लगातार दूसरे महीने शून्य प्रतिशत के आसपास रही। थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई की यह दर दिसंबर में 0.11 प्रतिशत रही, जो नवंबर में शून्य फीसद थी। महंगाई नीचे आने से सस्ते कर्ज के लिए माहौल
By Manoj YadavEdited By: Updated: Wed, 14 Jan 2015 07:31 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ग्लोबल बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से थोक महंगाई दर लगातार दूसरे महीने शून्य प्रतिशत के आसपास रही। थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई की यह दर दिसंबर में 0.11 प्रतिशत रही, जो नवंबर में शून्य फीसद थी। महंगाई नीचे आने से सस्ते कर्ज के लिए माहौल बन गया है। रिजर्व बैंक तीन फरवरी को मौद्रिक नीति की द्विमासिक समीक्षा करेगा। ऐसे में ब्याज दरों में कटौती को लेकर उद्योग जगत की मांग और मुखर हो गई है।
थोक महंगाई की दर दिसंबर, 2013 में 6.4 प्रतिशत थी। पिछले छह महीने में यह पहली बार है कि महंगाई में बेहद मामूली वृद्धि हुई है। इससे पहले महंगाई में लगातार गिरावट आ रही थी। महंगाई में यह मामूली वृद्धि खाद्य वस्तुओं के मूल्य बढ़ने की वजह से आई है। दिसंबर में खाद्य मुद्रास्फीति दर 5.2 प्रतिशत रही, जो बीते पांच माह का उच्चतम स्तर है। दलहन, सब्जियों और फलों की महंगाई थोड़ी बढ़ी, जबकि गेहूं, दूध और अन्य प्रोटीन उत्पादों जैसे- अंडा, मीट और मछली के थोक दामों में गिरावट आई। वाणिज्य मंत्रालय से जारी आंकड़ों को देखने पर पता चलता है कि दिसंबर में ईधन और बिजली समूह की मुद्रास्फीति में 7.82 प्रतिशत की गिरावट आई है। नवंबर में इसमें 4.91 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। ग्लोबल बाजार में कच्चे तेल के दाम 46 डॉलर के आसपास आ गए हैं। इससे भारत जैसे देशों को काफी राहत मिली है।ब्याज दर घटाने की तत्काल जरूरत
उद्योग चैंबर फिक्की की अध्यक्ष ज्योत्सना सूरी ने कहा कि ब्याज दरों में कटौती की तत्काल जरूरत है। मुद्रास्फीति नियंत्रित है। इसलिए रिजर्व बैंक से अनुरोध है कि वह नीतिगत दरों में कटौती करे। रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक एवं ऋण नीति तय करने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई दर को आधार बनाता है। खुदरा महंगाई दर भी दिसंबर में पांच प्रतिशत है। सीआइआइ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने भी कहा कि उद्योग जगत को उम्मीद है कि मुद्रास्फीति दर में गिरावट से रिजर्व बैंक ब्याज दर में कटौती करेगा, ताकि उद्योगों और अर्थव्यवस्था की विकास दर को बढ़ावा दिया जा सके।थोक मूल्यों वाली मुद्रास्फीति
माह, महंगाई दर जून , 5.66 जुलाई , 5.41 अगस्त , 3.85 सितंबर , 2.38 अक्टूबर , 1.77 नवंबर , 0.00 दिसंबर, 0.11 (सभी आंकड़े फीसद में)पढ़ेंः छह साल के निचले स्तर पर आया कच्चा तेलपढ़ेंः दो रुपये कम होंगे डीजल-पेट्रोल के दाम!