सेबी ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग पर लगाई छह माह की पाबंदी
मुंबई। बाजार नियामक सेबी ने आइपीओ घोटाले के मामले में कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (केएसबीएल) पर छह महीने तक कोई नया काम शुरू करने और नई स्कीम लांच करने पर पाबंदी लगा दी है। ब्रोकिंग फर्म पर सेबी की यह पाबंदी आदेश मिलने के चार सप्ताह बाद से लागू होगी। वर्ष 2003-05 के दौरान हुए आइपीओ घोटाले में करीब 21 कंपनियों के इश्
By Edited By: Updated: Sun, 16 Mar 2014 08:06 PM (IST)
मुंबई। बाजार नियामक सेबी ने आइपीओ घोटाले के मामले में कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (केएसबीएल) पर छह महीने तक कोई नया काम शुरू करने और नई स्कीम लांच करने पर पाबंदी लगा दी है। ब्रोकिंग फर्म पर सेबी की यह पाबंदी आदेश मिलने के चार सप्ताह बाद से लागू होगी। वर्ष 2003-05 के दौरान हुए आइपीओ घोटाले में करीब 21 कंपनियों के इश्यू में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई थीं।
सेबी ने अपनी जांच में पाया कि केएसबीएल ईमानदारी के ऊंचे मानक लागू करने में असफल रही और ब्रोकर नियमों का उल्लंघन करते हुए उसने कई गड़बड़ियां और अनियमितताएं कीं। सेबी के आदेश के तहत फर्म अगले छह माह तक कोई कॉन्ट्रैक्ट लांच नहीं कर सकेगी। साथ ही कंपनी इस दौरान अपने स्टॉक ब्रोकरेज कारोबार के तहत कोई नया ग्राहक भी नहीं बना सकेगी। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य प्रशांत सरण ने कहा कि जांच अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि केएसबीएल फिट एंड प्रॉपर नियमों पर खरी नहीं उतरती। कंपनी का स्टॉक ब्रोकर के तौर पर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट तीन महीने के लिए निलंबित करने की सिफारिश की गई है। फर्म के प्रोपरायटरी ट्रेडिंग करने पर 14 महीने के लिए रोक लगाई गई है। छह इकाइयों को समन
सेबी ने एक अन्य मामले में पूंजी बाजार में गड़बड़ी करने की आरोपी छह फर्मो को नियामक के समक्ष पेश होने का समन जारी किया है। इससे पहले इन फर्मो को भेजे गए कारण बताओ नोटिस प्राप्त नहीं किए गए थे। सेबी ने शैशिल टी झवेरी, कुमकुम स्टॉक ब्रोकर, नीता बी भावसर, जगदीश भगत, परमेश्वर एक्सपोर्ट्स और चेज मार्केटिंग को 28 अप्रैल तक पेश होने को कहा है। नियामक झवेरी, कुमकुम और भावसर के खिलाफ पांच शेयरों में सर्कुलर ट्रेडिंग के आरोपों की जांच कर रहा है। भगत को राइबा टेक्सटाइल्स और सुपरटेक्स इंडस्ट्रीज से जुड़े मामले में पेश होना है। जबकि दो अन्य कंपनियों के खिलाफ सुपरटेक्स इंडस्ट्रीज के मामले में जांच चल रही है। इन सभी कंपनियों को कारण बताओ नोटिस का जवाब 21 अप्रैल तक देने को कहा गया है।
निवेशक सशक्तिकरण प्राथमिकता बाजार नियामक सेबी ने अगले वित्ता वर्ष 2014-15 के लिए निवेशक सशक्तिकरण, क्षमता विस्तार और निगरानी व्यवस्था की मजबूती के कदमों को अपनी प्राथमिकता में रखा है। नियामक जल्दी ही अगले वित्ता वर्ष के लिए अपने कामकाज का यह एजेंडा पेश करेगा। सेबी के इस एजेंडे में निवेशक जागरुकता के कार्यक्रम और नए निवेशकों तक अपनी पहुंच बढ़ाने की योजनाएं शामिल होंगी। एक अधिकारी ने कहा कि इस सप्ताह होने वाली बोर्ड बैठक में यह एजेंडा पेश किया जा सकता है। सेबी ने चार अहम नई कदमों को रेखांकित किया है। इनका उद्देश्य घरेलू पूंजीबाजार की पहुंच बढ़ाना और निवेशकों को फर्जीवाड़े से बचाने के उपाय करना है।