Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

महंगाई के खिलाफ मोदी सरकार का चौतरफा वार

महंगाई के सिर उठाते ही मोदी सरकार ने इस पर चौतरफा वार करना शुरू कर दिया है। आलू-प्याज जैसी रोजमर्रा की चीजों के भाव को काबू में रखने के लिए सरकार ने इनके निर्यात पर रोक लगाने का एलान किया है। राज्य सरकारों खासकर उत्तर प्रदेश, पंजाब और पश्चिम बंगाल को जमाखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है।

By Edited By: Updated: Wed, 18 Jun 2014 07:09 AM (IST)
Hero Image

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। महंगाई के सिर उठाते ही मोदी सरकार ने इस पर चौतरफा वार करना शुरू कर दिया है। आलू-प्याज जैसी रोजमर्रा की चीजों के भाव को काबू में रखने के लिए सरकार ने इनके निर्यात पर रोक लगाने का एलान किया है। राज्य सरकारों खासकर उत्तर प्रदेश, पंजाब और पश्चिम बंगाल को जमाखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है।

इसके साथ ही सरकार ने उपभोक्ता और किसानों के बीच से बिचौलियों को हटाने के लिए फलों और सब्जियों को मंडी कानून के दायरे से बाहर कर दिया है। ऐसा होने पर किसान सीधे अपना उत्पाद उपभोक्ताओं को बेच सकेंगे। दिल्ली के उपराज्यपाल बुधवार को एक आदेश जारी कर इसकी शुरुआत करेंगे। सरकार ने अनाज की कीमतें नीचे लाने के लिए 50 लाख टन चावल भी खुले बाजार में जारी करने का फैसला किया है।

राष्ट्रपति अभिभाषण में खाद्य महंगाई को सर्वोच्च प्राथमिकता करार देने वाली मोदी सरकार ने तत्परता दिखाते हुए मंगलवार को महंगाई से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर फैसले किए। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चार वरिष्ठ मंत्रियों की उच्चस्तरीय बैठक बुलाकर आनन-फानन करीब आधा दर्जन उपायों का एलान किया। इस बैठक में कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, खाद्य मंत्री रामविलास पासवान, वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र मौजूद थे।

बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए जेटली ने पत्रकारों से कहा कि जिन राज्यों में जमाखोरी अधिक होती है, उन्हें जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा गया है। जेटली ने राज्यों के नाम का खुलासा तो नहीं किया, लेकिन सूत्रों ने बताया कि केंद्र ने पंजाब, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल को जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

जेटली ने कहा कि सरकार ने प्याज के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय किया है। आलू के लिए भी एमईपी तय किया जायेगा। वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 300 डॉलर प्रति टन तय कर दिया। इससे घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ जाएगी।

राज्यों को परामर्श भेजा गया है कि वे मंडी कानून (एपीएमसी एक्ट) से फलों और सब्जियों को सूचीबद्ध श्रेणी से हटा दें ताकि किसान बिचौलियों के बिना भी अपना सामान बेच सकें। दिल्ली सरकार सार्वजनिक एजेंसियों के माध्यम से प्याज खरीदेगी। फिर उसे मदर डेयरी जैसी विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से सीधे जनता को बेचेगी। केंद्र सरकार राज्यों को दालें और खाद्य तेल आयात करने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट के रूप में वित्तीय मदद भी देगी। फिलहाल देश की खाद्य तेल की 55 प्रतिशत जरूरत आयात से ही तय होती है।

दिनभर युद्धस्तर पर बनी रणनीति

-मंगलवार सुबह को वाणिज्य मंत्रालय ने प्याज निर्यात को नियंत्रित करने के लिए जारी की अधिसूचना

-शाम को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, खाद्य मंत्री रामविलास पासवान और वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ महंगाई पर बैठक की

-प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र भी रहे बैठक में मौजूद

-रात आठ बजे सरकार ने किया महंगाई से निपटने के उपायों का एलान

-जमाखोरों पर पड़ेगा डंडा-

1-उत्तर प्रदेश, पंजाब, बंगाल और अन्य राज्यों को जमाखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा गया

2-एपीएमसी एक्ट की सूची से हटेंगे फल-सब्जियां, दिल्ली में उपराज्यपाल आज इस संबंध में आदेश जारी करेंगे

3. प्याज का न्यूनत निर्यात मूल्य 300 डॉलर प्रति टन तय किया

4. आलू का न्यूनतम निर्यात मूल्य बुधवार को तय करेगी सरकार

5. केंद्र सरकार 50 लाख टन चावल खुले बाजार में जारी करेगी

6. दाल व खाद्य तेल आयात करने के लिए राज्यों को वित्तीय मदद दी जाएगी

7. दिल्ली सरकार सार्वजनिक एजेंसियों के माध्यम से प्याज खरीद मदर डेयरी तथा अन्य खुदरा स्टोर के जरिये बेचेगी

पढ़ें: महंगाई ने फिर उठाया सिर, कैसे आएंगे अच्छे दिन