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कोयला खदानों में हड़ताल शुरू, बैंकों में फिलहाल स्थगित

देश की सबसे बड़ी कोयला कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) के कर्मचारियों के हड़ताल के बाद स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कोयला व बिजली मंत्री पियुष गोयल ने कोयला यूनियनों के नेताओं को मिलने के लिए बुलाया है

By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Wed, 07 Jan 2015 02:15 AM (IST)
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नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश की सबसे बड़ी कोयला कंपनी कोल इंंडिया लिमिटेड (सीआइएल) के कर्मचारियों के हड़ताल के पहले दिन मंगलवार को ही बिजली कंपनियों को कोयला की दिक्कत होने की खबरें आनी शुरू हो गई हैं। पंजाब, झारखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्यों में स्थित लगभग 60 ताप बिजली घरों को इस हड़ताल की वजह से कोयले की कमी का सामना करना पड़ सकता है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कोयला व बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को फिर से कोयला यूनियनों को उनकी मांगों पर विचार करने के लिए बुलाया है। मंगलवार देर रात कोयला सचिव और हड़ताली यूनियनों के बीच वार्ता बेनतीजा रही।

उधर, बैंक कर्मचारियों के यूनियन ने 07 जनवरी, 2015 को बुलाई गई एक दिन के हड़ताल को फिलहाल टाल दी है। बैंक कर्मियों की यूनियनों के फोरम यूएफबीयू की तरफ से बताया गया है कि भारतीय बैंक संघ (आइबीए) कर्मचारियों के वेतन में 12.5 फीसद बढ़ोतरी को राजी है। अभी तक आइबीए 11 फीसद वेतन बढ़ोतरी की बात कर रहा था। लेकिन 21 से 24 जनवरी और 16 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के बारे निर्णय यूएफबीयू और आइबीए के बीच होने वाली बैठकों के बाद किया जाएगा। दोनों पक्षों के बीच बुधवार को फिर बैठक होने वाली है।

कोयला क्षेत्र में हड़ताल तब शुरू हुई है जब देश की कई बिजली संयंत्रों में पहले से ही कोयले का काफी कम स्टॉक पड़ा हुआ है। सरकारी आंकड़ा बताता है कि अभी 22 बड़े बिजली घरों में तीन दिनों का और 40 बड़े बिजली घरों में चार दिनों का कोयला बचा हुआ है। ये 60 से ज्यादा बिजली घर महज एक या दो दिन का कोयला स्टॉक में रखते हैं और इतने ही दिनों का कोयला रास्ते में रहता है। ऐसे में चार दिनों तक चलने वाली हड़ताल से भी इनकी आपूर्ति बाधित हो सकती है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार करीब 75 फीसद कोयला खदानों में उत्पादन ठप हो गया। इससे 70 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। हड़ताल में इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस सहित भाजपा समर्थित भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) भी शामिल है।

उत्तर प्रदेश स्थित परीक्षा बिजली संयंत्र, हरदुआगंज विद्युत घर में एक या दो दिन को कोयला बचा हुआ है और दो दिनों का कोयला रास्ते में है। इसी तरह से पंंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड ने कहा है कि हड़ताल की वजह से उसके कई विद्युत गृह को कोयले की किल्लत हो सकती है। देश के पश्चिमी हिस्से में स्थापित ताप बिजली घरों को कोयले की ज्यादा किल्लत हो सकती है। अब सबकी नजर बुधवार की बैठक पर है।

'सचिव स्तर की वार्ता असफल हो गई। लेकिन हम प्रधानमंत्री या कोयला मंत्री से बातचीत के लिए तैयार हैं। पांच लाख कर्मचारी हड़ताल पर हैं।' -एसक्यू जमा, महासचिव इंटक

'मुझे उम्मीद है कि मसले का सम्मानजनक हल निकल जाएगा।' -सुतीर्थ भट्टाचार्य, चेयरमैन कोल इंडिया