सुब्रत राय 24,000 करोड़ के देनदार नहीं
सहारा समूह की कंपनियों द्वारा निवेशकों से वसूली गई 24,000 करोड़ रुपये की रकम लौटाने के लिए समूह के मुखिया सुब्रत राय जिम्मेदार नहीं हैं। पूंजी बाजार नियामक सेबी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अवमानना याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान सहारा के वकील राम जेठमलानी ने यह दलील पेश की। वह सेबी के वकील की अ
By Edited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
नई दिल्ली। सहारा समूह की कंपनियों द्वारा निवेशकों से वसूली गई 24,000 करोड़ रुपये की रकम लौटाने के लिए समूह के मुखिया सुब्रत राय जिम्मेदार नहीं हैं। पूंजी बाजार नियामक सेबी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अवमानना याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान सहारा के वकील राम जेठमलानी ने यह दलील पेश की। वह सेबी के वकील की ओर से इस याचिका के निपटारे तक सुब्रत राय के पासपोर्ट को जब्त किए जाने की दलील का विरोध कर रहे थे।
समूह की दो कंपनियों- सहारा इंडिया इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा इंडिया हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प लिमिटेड ने डिबेंचर जारी कर नियामक की अनुमति के बिना निवेशकों से यह राशि उगाही थी। सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल अगस्त में इस रकम को सूद समेत लौटाने का आदेश दिया था। इसके साथ ही इस आदेश को लागू कराने की जिम्मेदारी सेबी पर डाल दी थी। समूह की कंपनियों की ओर से करीब पांच हजार करोड़ रुपये की राशि सेबी को सौंपी गई। इसके बाद बाकी रकम तय समय पर नहीं दिए जाने को लेकर पूंजी बाजार नियामक ने सुप्रीम कोर्ट में समूह के प्रमुख सुब्रत राय और दोनों कंपनियों के खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका दाखिल कर दी। इसी पर शीर्ष अदालत में सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान जेठमलानी ने जस्टिस केएस राधाकृष्णन और जेएस खेहर की पीठ के सामने कहा कि समूह की कंपनियों ने निवेशकों की बाकी रकम पहले ही लौटा दी है। इस पर पीठ ने कहा, 'यह सही नहीं है। आपका हलफनामा तो कुछ और कहता है। यह हमारे आदेश को ताक पर रख रहा है।' इस पर जेठमलानी ने कोर्ट से सुब्रत राय के प्रति सहानुभूतिपूर्ण रुख अपनाने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि मौजूदा तथ्यों और परिस्थितियों में सुब्रत राय इस राशि के देनदार नहीं हैं।