दवा मूल्य नियंत्रण आदेश पर उठा सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आवश्यक दवाओं का अधिकतम मूल्य बाजार आधारित मूल्य पर निर्धारित करने से जुड़े केंद्र सरकार के नए दवा मूल्य नियंत्रण आदेश [डीपीसीओ] पर सवाल उठाया। न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि केंद्र बाजार चालित ताकतों से निर्देशित हो रहा है। पीठ ने केंद्र की नीति को चुनौ
By Edited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आवश्यक दवाओं का अधिकतम मूल्य बाजार आधारित मूल्य पर निर्धारित करने से जुड़े केंद्र सरकार के नए दवा मूल्य नियंत्रण आदेश [डीपीसीओ] पर सवाल उठाया।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि केंद्र बाजार चालित ताकतों से निर्देशित हो रहा है। पीठ ने केंद्र की नीति को चुनौती देने वाली स्वयंसेवी संस्था [एनजीओ] को मंगलवार तक नई नीति के तहत दवाओं के मूल्य और मौजूदा बाजार मूल्य के तुलनात्मक विश्लेषण के आंकड़े पेश करने को कहा। एनजीओ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंजाल्वेस ने जब आरोप लगाया कि नई नीति के तहत दवा निर्माताओं और दवा विक्रेताओं का लाभ कई गुणा बढ़ा दिया गया है। पीठ ने कहा कि डीपीसीओ से डॉक्टर जिस ब्रांड की दवा लिखेंगे उसकी मुनाफाखोरी को प्रोत्साहन मिलेगा। पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा ' सैद्धांतिक तौर पर आप सही हैं लेकिन आपको इसे आंकड़ों से साबित करना होगा। हम मरीजों को लेकर चिंतित हैं।' कोर्ट ने कहा कि तुलनात्मक आंकड़े मिलने के बाद मंगलवार से ही मामले की आगे की सुनवाई शुरू होगी। याचिका दायर करने वाली संस्था ऑल इंडिया ड्रग एक्शन नेटवर्क ने आरोप लगाया कि बाजार आधारित मूल्य का इस्तेमाल कभी भी किसी मूल्य नियंत्रण के लिए नहीं किया गया।