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काले धन पर सेबी की निगरानी में सौ कंपनियां

काले धन की जानकारी हासिल करने के लिए स्विट्जरलैंड पर दबाव बढ़ाने के साथ भारत घरेलू स्तर पर भी टैक्स चोरों पर लगातार शिकंजा कस रहा है। पूंजी बाजार नियामक सेबी ऐसी 100 से ज्यादा कंपनियों की निगरानी कर रहा जिन पर विदेशों में जमा काले धन की राउंड ट्रिपिंग करने का संदेह है। यह निगरानी ऐसे समय में की जा रही है जब भारत सूचनाएं देने में आनकानी कर रहे स्विट्जरलैंड पर लगातार दबाव बढ़ा रहा है।

By Edited By: Updated: Wed, 07 May 2014 10:15 PM (IST)
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नई दिल्ली। काले धन की जानकारी हासिल करने के लिए स्विट्जरलैंड पर दबाव बढ़ाने के साथ भारत घरेलू स्तर पर भी टैक्स चोरों पर लगातार शिकंजा कस रहा है। पूंजी बाजार नियामक सेबी ऐसी 100 से ज्यादा कंपनियों की निगरानी कर रहा जिन पर विदेशों में जमा काले धन की राउंड ट्रिपिंग करने का संदेह है। यह निगरानी ऐसे समय में की जा रही है जब भारत सूचनाएं देने में आनकानी कर रहे स्विट्जरलैंड पर लगातार दबाव बढ़ा रहा है।

सेबी की निगरानी के दायरे में आई ये कंपनियां ऐसे लोगों से जुड़ी हैं, जिनके नाम स्विस बैंकों में खाता रखने वाले 700 लोगों की सूची में शुमार हैं। इसके अलावा ऐसे कुछ बैंकों के बैंकरों और उनसे जुड़े लोगों पर भी सेबी की निगाह है, जिनकी शाखाएं स्विट्जरलैंड में हैं। सेबी के एक अधिकारी ने कहा कि इन बैंकों से सीधे या परोक्ष तौर पर जुड़ी कुछ ब्लूचिप कंपनियों सहित 10 से 15 लिस्टेड कंपनियों पर नियामक की कड़ी निगाह है। बाजार में किसी भी तरह की गड़बड़ी को लेकर इन कंपनियों नजर रखी जा रही है।

अधिकारी ने कहा कि कुछ बड़े ग्लोबल बैंक भी जांच के घेरे में हैं। हालांकि यह संभव है कि इन बैंकों को खुद इस अवैध धन की जानकारी न हो। हो सकता है कि इसका लाभ उनके एक्जीक्यूटिव उठा रहे हों। काले धन की राउंड ट्रिपिंग [देश से बाहर ले जाकर फिर वापस लाना] करने के लिए पहले मॉरीशस और साइप्रस जैसे देशों को जरिया बनाया जाता था। अब इन देशों ने भारतीय एजेंसियों की निगरानी स्वीकार कर ली है। इसलिए ये बैंकर नए रास्ते तलाश रहे हैं।

जांच के दायरे में आए व्यक्तियों, बैंकों और सूचीबद्ध कंपनियों के बारे में इस अफसर ने कहा कि ये सभी काफी बड़े नाम हैं। इनके नाम सबसे धनी लोगों और बड़ी कंपनियों में शुमार होते हैं।

टैक्स सूचनाएं साझा करेंगे 47 देश

पेरिस। बैंकिंग गोपनीयता समाप्त करने के लिए एक और बड़ा कदम उठाते हुए भारत और स्विट्जरलैंड सहित 47 देश टैक्स सूचनाओं का स्वत: आदान-प्रदान करने पर राजी हो गए हैं। ये अमीर देशों के संगठन ओईसीडी से जुडे़ हैं। ओईसीडी ने मंगलवार को टैक्स मामलों पर सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान संबंधी घोषणापत्र को मंजूरी दी है। इससे भारत को स्विस बैंकों में अवैध धन जमा करने वाले भारतीयों की सूचनाएं हासिल करने के लिए इन बैंकों पर दबाव बढ़ाने में मदद मिलेगी। ओईसीडी टैक्स फर्जीवाड़े रोकने के लिए आर्थिक नीतियां निर्धारित करने वाला प्रमुख वैश्विक संगठन है। इन 47 देशों द्वारा तय किए गए मानकों से बैंकिंग क्षेत्र में बरती जा रही गोपनीयता समाप्त होगी। टैक्स चोरी और आर्थिक अपराधों से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान में मदद मिलेगी। ओईसीडी महासचिव एंजेल ने कहा कि टैक्स धोखाधड़ी और कर चोरी ऐसे अपराधों में शामिल नहीं है जिनसे कोई पीड़ित नहीं होता। इससे सरकारों का राजस्व घटता है। साथ ही कर प्रणाली की शुचिता को लेकर आम लोगों का भरोसा टूटता है।

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