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टेली ऑपरेटर्स को बड़ी राहत, जुर्माना नियमों में बदलाव

टेलीकॉम आयोग ने मोबाइल ऑपरेटरों पर जुर्माने के नियमों में संशोधन किया है। अब इसके लिए एक लाख रुपये से 50 करोड़ रुपये तक की अलग-अलग श्रेणियां बना दी गई हैं। इस फैसले से टेलीकॉम ऑपरेटरों को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि पहले नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने की एक ही श्रेणी थी। मामूली गलती पर भी दूरसंचार विभाग (डॉट

By Edited By: Updated: Fri, 28 Mar 2014 12:13 PM (IST)
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नई दिल्ली। टेलीकॉम आयोग ने मोबाइल ऑपरेटरों पर जुर्माने के नियमों में संशोधन किया है। अब इसके लिए एक लाख रुपये से 50 करोड़ रुपये तक की अलग-अलग श्रेणियां बना दी गई हैं। इस फैसले से टेलीकॉम ऑपरेटरों को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि पहले नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने की एक ही श्रेणी थी। मामूली गलती पर भी दूरसंचार विभाग (डॉट) उन पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोकता था।

सूत्रों के मुताबिक अंतर मंत्रालयी समिति टेलीकॉम आयोग की गुरुवार को हुई बैठक में अलग-अलग जुर्माना लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। मगर देशभर में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) सेवा लागू करने पर फैसला नहीं हो पाया। अब अगली बैठक में इस पर विचार होगा। फिलहाल ग्राहक एक सर्किल में नंबर बदले बिना ऑपरेटर बदल सकते हैं।

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जुर्माने की नई योजना के तहत नियमों के उल्लंघन पर टेलीकॉम ऑपरेटरों को पहले चेतावनी दी जाएगी और एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया जाएगा। इसके बाद छोटे मामले में उन पर एक करोड़, मध्यम दर्जे वाले में पांच करोड़ और बड़े मामलों में 20 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। गंभीर मामलों में 50 करोड़ रुपये का हर्जाना टेलीकॉम कंपनियों को देना होगा।

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सूत्रों के मुताबिक, आयोग के प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए संचार मंत्री कपिल सिब्बल के पास भेजा जाएगा। साथ ही आचार संहिता लागू होने के चलते इसे चुनाव आयोग को भी भेजा जाएगा ताकि इस फैसले को लागू करने में कोई अड़चन न आए। दूरसंचार नियामक ट्राई ने अप्रैल 2012 में जुर्माने की अलग-अलग श्रेणी बनाने का प्रस्ताव दिया था। उसने छोटे और बड़े मामले की दो श्रेणी बनाने का सुझाव दिया था। छोटे मामले में 25 लाख रुपये और बड़े में 10 करोड़ रुपये जुर्माने की ट्राई ने सिफारिश की थी। मगर टेलीकॉम आयोग ने अधिकतम जुर्माने की राशि को बरकरार रखते हुए पांच श्रेणियां बना दी।