नई दिल्ली। हमारी धरती यानी पृथ्वी पर चलने वाले वाहनों को तो आप खुब पहचानते हैं। सड़कों पर दौड़ती गाड़ियों में बैठ कर दुनिया को समझने की कोशिश करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी चांद या मंगल की सड़के देखी है? क्या कभी चांद की सड़कों पर चलने वाली गाड़ियों में बैठकर सफर किया है। इस गाड़ियों में बैठने का अनुभव तो निराला है ही। साथ ही इन गाड़ियों का इतिहास भी अनोखा है। क्या आपने कभी अंतरिक्ष पर प्रयोग की जाने वाली कारों के बारें में कल्पना की है। शायद ये बातें आपको हैरान कर रही होंगी, लेकिन हम आज आपको उन्ही से रूबरू करायेंगे।
अपोलो लूनर रोविंग व्हीकल नासा ने सबसे पहली बार सन 1971 में अपोलो मिशन के तहत मानव रहित यान चंद्रमा पर भेजा था। उस मिशन के तहत सबसे पहली चंद्रमा पर आपोलो लूनर रोविंग व्हीकल का प्रयोग किया गया था। इसमें ऐसी दो नॉन रिर्चाजेबल जिंक बैटरी का प्रयोग किया गया था, जो कि कार के हर पहियों को लगभग एक चौथाई हॉर्स पॉवर की शक्ति प्रदान करते थें।
नई कॉम्पैक्ट कार उतारेगी मारुति इतना ही नहीं इस कार ने हर मिशन में बेहतर प्रदर्शन किया और लगभग चंद्रमा के सतह पर 30 किलोमीटर तक का विचरण किया। नासा द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार इन चार आपोलो लूनर रोविंग व्हीकल की कीमत लगभग 3.8 करोड़ डॉलर थी, यानी की आज के समय में इनकी कीमत लगभग 20 करोड़ डॉलर के करीब होगी। स्पेस एक्सप्लोरेशन व्हीकल
जब आप लुनर व्हीकल को अंतरिक्ष की सतह पर उतारते हैं, तो आप इसे बहुत देर के लिये नहीं चला सकते हैं। लेकिन अंतरिक्ष में महज कुछ देर की सैर में आप कुछ भी हासिल नहीं कर सकते हैं। ऐसी दशा को ध्यान में रखकर इस स्पेस एक्सप्लोरेशन व्हीकल को डिजाइन किया गया था। जो कि अंतरिक्ष में लंबे समय तक चल सकता है।
दुनिया की सबसे महंगी कार, क्या इसे कोई नहीं खरीद सकता? स्पेस एक्सप्लोरेशन व्हीकल में एक फायदा ये भी है कि इसके भीतर बैठने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस सूट आदि पहनने की कोई जरूरत नहीं है। इस अंतरिक्ष कार की कीमत लगभग 15.3 करोड़ डॉलर है, और इसे सन 2010 में तैयार किया गया था।
मार्स पाथ फाईंडर मार्स पाथ फाइंडर, जैसा कि आपको इसका नाम सुनकर ही अंदाजा हो गया होगा कि, इसका निर्माण मंगल ग्रह के मिशन को ध्यान में रखकर किया गया होगा। इसका निर्माण नासा ने सन 1970 में किया था। इसकी खासियत ये है कि, ये कम कीमत, तेज और बेहतर स्पेस कार है। इस कार में कुल 6 पहियों का प्रयोग किया गया है। सन 1997 में इसे पहली बार मंगल ग्रह पर भेजा गया था, जहां से इसने वहां की मिट्टी आस-पास के वातावरण आदि की लगभग हजारों तस्वीरें भेजी थीं।
टोयोटा ने हैरत में डाला, लेकर आई बिना स्टीयरिंग वाली कार मार्स एक्सप्लोरेशन रोवर्स मंगल ग्रह की और अधिक जानकारी के लिये, मार्स एक्सप्लोरेशन रोवर्स नामक व्हीकल का निर्माण किया गया था। सन 2004 जनवरी में पहली बार मंगल ग्रह पर मार्स एक्सप्लोरेशन रोवर्स को भेजा गया। नासा के अनुसार इसने दो रोबोटिक वाहनों को शामिल किया गया था, जो कि मंगल ग्रह के दो अलग-अलग दिशाओं में भेजे गयें। इस वाहन ने लगभग 21 मील की दूरी तय की और मंगल ग्रह की कई तस्वीरें भेजी। लेकिन दुर्भागयवश ये मंगल ग्रह पर ही किसी मिट्टी के दलदल में फंस गया और सुचनाएं मिलनी बंद हो गई।
क्यूरोसिटी रोवर अंतरिक्ष में भेजा जाने वाला अभी तक का ये सबसे बड़ा वाहन है। 9 फिट चौड़ा, 7 फिट लंबा ये स्पेस रोबोटिक कार किसी बड़ी एसयूवी से भी बड़ा है। इसका वजन लगभग 2000 पौंड है। इस वाहन में बेहतरीन कैमरों का प्रयोग किया गया है, जो कि पूरे मंगल ग्रह को खंगालने के लिए हर पल चौकन्ने रहते हैं। इसकी लागत लगभग 2.5 अरब डॉलर है।