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इन पांच बातों का रखा ध्यान तो 15 दिन में वापस आ जाएगा इंकम टैक्स रिफंड का पैसा

आयकर रिर्टन फाइल करने के बाद आयकर दाता को सबसे बड़ी चिंता टैक्स रिफंड की होती है। यह वह राशि होती है जो करदाता वित्त वर्ष के दौरान टैक्स के रूप में ज्यादा दे देता है

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 22 Jul 2016 01:35 PM (IST)
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आयकर रिर्टन फाइल करने के बाद आयकर दाता को सबसे बड़ी चिंता टैक्स रिफंड की होती है। यह वह राशि होती है जो करदाता वित्त वर्ष के दौरान टैक्स के रूप में ज्यादा दे देता है। एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर करदाता रिटर्न फाइल करते समय छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखें तो वे अपना रिफंड का पैसा जल्द हासिल कर सकते हैं। हालांकि इस सुविधा का लाभ अभी केवल ऑनलाइन रिटर्न फाइल करने वाले करदाता ही उठा सकते हैं।

फाइनेनशियल एक्सपर्ट अंकित गुप्ता के मुताबिक अगर करदाता रिटर्न फाइल करते समय छोटी-छोटी पांच बातों का ख्याल रखें तो महज 15 दिनों के भीतर डिपार्टमेंट टैक्स के रूप में ज्यादा कट गई राशि करदाता को रिफंड कर देता है। आमतौर पर रिफंड के लिए करदाता को कई महीनों का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में थोड़ी से समझदारी से आपकी मुश्किल आसान हो सकती है।

15 दिनों में रिफंड पाने के लिए रखें इन बातों का ध्यान

1. अपना रिटर्न इंकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट http://incometaxindiaefiling.gov.in/ पर ही फाइल करें। बाजार में तमाम तरह की टैक्स फाइलिंग सुविधा मुहैया कराने वाली वेबसाइट हैं। करदाता इनका रुख न करके विभाग की वेबसाइट पर अपना आयकर रिटर्न फाइल करें।

2. रिफंड के लिए दिए जाने वाले बैंक खाते का रखें विशेष ख्याल। पहले 4 अंकों वाले बैंक खाते चलन में थे। करदाता को ध्यान रखना चाहिए वह अपना डेटा नई जानकारी के साथ जरूर अपडेट कर दे। इस समय 10, 12 और 16 अंकों वाली खाता संख्या चलन में हैं। करदाता को अपना सही खाता संख्या IFSC कोड के साथ आयकर रिटर्न फाइल करते समय भर देना चाहिए।

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3. रिटर्न भरते समय फार्म 26 AS से अपनी टैक्स क्रेडिट की जानकारी जांच लें। रिटर्न के समय दी जाने वाली जानकारी 26 AS के मुताबिक की होनी चाहिए। इसमें अंतर मिलने पर आपके रिफंड में देरी हो सकती है।

4. अपने रिटर्न को आधार कार्ड, OTP या बैंक खाते की जानकारी के माध्यम से ई-वेरिफाई कर लें। रिटर्न ई-वेरिफाई करने की स्थिति मे रिफंड जल्द प्रोसेस हो जाता है।

5. अगर आपके रिफंड का अमाउंट 50,000 रुपए से कम है तो इसको ECS के माध्यम से मंगाए। रिटर्न फाइल करते समय करदाता को यह विकल्प दिया जाता है कि वह ECS के माध्यम से अपना रिटर्न मंगवा सके। 50,000 से ज्यादा के रिफंड चेक के माध्यम से करदाता को मिलते हैं।

एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर करदाता रिटर्न फाइल करते समय इन पांच बातों का ख्याल रखता है तो विभाग 15 दिनों के भीतर रिफंड प्रोसेस कर पैसा करदाता के अकाउंट में क्रेडिट कर देता है।