नए दंपत्तियों के जीवन में काफी कुछ पहली बार या कहें काफी कुछ नया घटता है। उनके जीवन में कई बदलाव भी आते हैं। खासतौर पर महिलाओं के वित्तीय जीवन में परिवर्तन आना निश्चित माना जाता है। जिंदगी की गाड़ी एक पहिये पर नहीं चल सकती इसलिए पति और पत्नी दोनों को ही साथ मिलकर अपने फाइनेंशियल लाइफ को संभालन
By Edited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
नई दिल्ली। नए दंपत्तियों के जीवन में काफी कुछ पहली बार या कहें काफी कुछ नया घटता है। उनके जीवन में कई बदलाव भी आते हैं। खासतौर पर महिलाओं के वित्तीय जीवन में परिवर्तन आना निश्चित माना जाता है। जिंदगी की गाड़ी एक पहिये पर नहीं चल सकती इसलिए पति और पत्नी दोनों को ही साथ मिलकर अपने फाइनेंशियल लाइफ को संभालना चाहिए। यहां पत्नियों की भूमिका काफी अहम मानी जाती है। अर्थशास्त्र की भाषा में कहें तो सुखी वित्तीय जीवन के लिए पत्िनयों को फाइनेंस का 'आइपीएल' मैच खेलना होगा।
ये है आम आदमी की दुश्मन, लड़ने के लिए इनका करें इस्तेमाल यहां 'आई' का मतलब इंवेस्टमेंट, 'पी' मतलब पासवर्ड और 'एल' का मतलब लायबिलिटी है। सबसे पहले तो पत्िनयों को अपने पति, परिवार और अपनी खुद के द्वारा किए गए निवेशों की एक सूची तैयार करनी चाहिए। इन निवेशों में म्यूचुअल फंड, प्रॉविडेंट फंड, एफडी आदि शामिल हो सकते हैं। अगर उन्हें एक्सेल शीट पर काम करना आता है तो इसकी जानकारी रखना और भी आसान हो सकता है।
पढ़ें : जीरो परसेंट स्कीम सौ परसेंट धोखा! दूसरा, पत्िनयों को उस ईमेल अकाउंट का पासवर्ड पता होना चाहिए जिस पर सभी बिल आते हैं। आज के दौर में बिजली का बिल, पानी का बिल, फोन का बिल, क्रेडिट कार्ड का बिल ईमेल पर आ जाते हैं। इससे एक तो लोगों को कागज संभालने नहीं पड़ते दूसरा बिल भरने की तारीख याद रखने में आसानी रहती है। यदि पत्नी के पास उस अकाउंट का पासवर्ड है तो वह सभी बिलों को आसानी से मैनेज कर सकती है। हालांकि, कुछ लोग पत्िनयों को पासवर्ड देने से कतराते हैं। ऐसे में पति एक अलग अकाउंट खोल सकते है जिस पर सिर्फ बिलों का भुगतान हो और पत्नी उसका ट्रैक रिकॉर्ड भी रख सके।
आपकी शादी हुई हो या नहीं, आपके काम की हैं ये बातें, क्लिक करें तीसरा, लायबिलिटीज के तहत कई चीजें रहती हैं। एक तो मासिक जिम्मेदारियां जैसे बिलों का भुगतान और दूसरा बड़ी चीजें जैसे होम लोन आदि। इसके लिए पत्िनयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पास पर्याप्त इंश्योरेंस हो क्योंकि अगर पति की ओर से लोन भुगतान में कुछ गड़बड़ी होती है तो बैंक उस पर कब्जा न कर सके। एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि सभी बैंक के खातों, डीमेट अकाउंट, जिस घर में वह रहती हैं उसका नामांकन होना चाहिए। बिना नामांकन में कोई भी चीज आसानी से ट्रांसफर नहीं हो सकती। एक और बात, वसीयत होनी जरूरी है। यदि पत्नी को लगता है कि पति की सभी प्रॉपर्टी पर उसका हक है तो उसके पति के पास वसीयत होनी चाहिए। उन्हें अपने पति की उम्र ज्यादा होने का इंतजार नहीं करना चाहिए। इससे प्रॉपर्टी ट्रांसफर होने में भी मदद मिलती है।