दिव्यांग को विमान से उतारने पर स्पाइस जेट पर लगाया 10 लाख का जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बजट एयरलाइन स्पाइस जेट को एक दिव्यांग यात्री को विमान से उतारने के एवज में 10 लाख रुपये हर्जाना देने का आदेश दिया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बजट एयरलाइन स्पाइस जेट को एक दिव्यांग यात्री को विमान से उतारने के एवज में 10 लाख रुपये हर्जाना देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इसे पूरी तरह संवेदनशीलता का अभाव बताया।
सेरेब्रल पल्सी से पीडि़त जीजा घोष को 19 फरवरी 2012 को स्पाइसजेट के विमान से उतार दिया गया था। वह एक एनजीओ के सम्मेलन में शामिल होने के लिए कोलकाता से गोवा जा रही थीं। न्यायमूर्ति एके सिकरी और न्यायमूर्ति आरके अग्रवाल की पीठ ने कहा कि दिव्यांग यात्री जीजा घोष के साथ सही बर्ताव नहीं किया गया। जबकि उनके मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इसकी जरूरत थी। उन्हें विमान से उतारा जाना अनुचित था। यह रूल्स, 1937 और सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स, 2008 के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। इससे घोष को मानसिक एवं शारीरिक पीड़ा झेलनी पड़ी। कोर्ट ने कहा कि एयरलाइंस ने बिना किसी चिकित्सा सलाह या विमर्श के घोष को विमान से उतारने का फैसला किया।
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कोर्ट ने 54 पन्नों के फैसले में कहा कि दिव्यांग लोग सामाजिक बंधनों के चलते खुली जिंदगी नहीं जी पाते। उनके साथ रोजगार, सार्वजनिक स्थानों पर पहुंच और परिवहन में भेदभाव होता है। यह सोचना चाहिए कि वे भी इंसान हैं और उन्हें भी आम आदमी की तरह रहना है। कोर्ट ने कहा कि घोष के क्वालिफिकेशन और कार्य अनुभव दिखाता है कि दिव्यांग भी जीवन में विशिष्टता हासिल कर सकते हैं। एयरलाइंस की तरफ से थोड़े सकारात्मक भाव से घोष को पीड़ा नहीं उठानी पड़ती।