प्यासे लातूर में दस हजार लीटर पानी पी गया हेलीपैड, मंत्री बोले- 'पता नहीं'
महाराष्ट्र के मंत्री के दौरे में हेलीपैड के लिए इस्तेमाल दस हजार लीटर पानी की बर्बादी पर एकनाथ खडसे ने कहा कि उन्हें इस बारे में पता नहीं है।
By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Sat, 16 Apr 2016 10:41 AM (IST)
लातूर। सूखा ग्रस्त महाराष्ट्र को पिच का पानी पीना नहीं सुहाया। इस दर्द को समझते हुए बांबे हाई कोर्ट ने आइपीएल मैचों को राज्य से आउट कर मुक्ति तो दिला दी लेकिन राज्य के एक मंत्री के प्यासे हेलीपैड से कौन मुक्त कराएगा।
जब शनिवार को ये बात राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे से पूछी गई तो उन्होेंने बताया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं। खड़से ने बताया कि जब मैं वहां पहुंचा और जब जाने लगा तो हेलिकॉप्टर की वजह से वहां काफी धूल उड़ रही थी। उन्होंने ये भी कहा कि एक बूंद पानी भी बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए, जितनी जरूरत हो बस उतना ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। दरअसल राजस्व मंत्री बेलकुंड गांव में पानी की कमी और राहत उपायों का जायजा लेने शुक्रवार को पहुंचे थे। स्थानीय अधिकारियों ने अस्थायी हेलीपैड पर 10 हजार लीटर पानी का इस्तेमाल किया। पानी के इस अपव्यय के बारे में पूछने पर भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
विपक्षी पार्टी राकांपा ने पानी के इस तरह के इस्तेमाल को भाजपा नीत सरकार का "सत्ता का अहंकार" कहा है। राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि इस घटना से यह पता चलता है कि सूखे को लेकर सरकार गंभीर नहीं है बल्कि सत्ता मद में चूर है। मंत्री वहां से 40 किलोमीटर दूर लातूर में उतर सकते थे जहां हवाई अड्डा है। वहां से चंद मिनटों में ही वह गांव पहुंच सकते थे। लेकिन खडसे बूंद-बूंद के लिए तरस रहे लोगों का अपमान करना चाहते थे।
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जयपुर। सर्वाधिक सूखा पीड़ित मराठवाड़ा क्षेत्र की जरूरतों के लिए राजस्थान से एक और जल ट्रेन रवाना हो गई है। मिराज के लिए शुक्रवार को रवाना हुई 50 वैगन वाली ट्रेन से 27 लाख लीटर पानी भेजा गया है। कोटा रेलवे स्टेशन से चली ट्रेन को मिराज पहुंचने के लिए 1370 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी।ये भी पढ़ेंः पहाड़ी क्षेत्र के गांवों में पानी को ले लातूर जैसे हालात
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