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दिल्‍ली में 118 महिलाएं चलाएंगी कैब

राजधानी में जल्द ही महिलाएं कैब चलाती नजर आएंगी। कैब में महिला यात्रियों के साथ दुष्कर्म व छेड़छाड़ की कई घटनाएं सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस ने इस दिशा में सराहनीय कदम उठाया है। इसके लिए उत्तरी जिला पुलिस ने सर्वे का सहारा लिया।

By Sanjay BhardwajEdited By: Updated: Tue, 16 Dec 2014 08:20 AM (IST)
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नई दिल्ली [जासं]। राजधानी में जल्द ही महिलाएं कैब चलाती नजर आएंगी। कैब में महिला यात्रियों के साथ दुष्कर्म व छेड़छाड़ की कई घटनाएं सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस ने इस दिशा में सराहनीय कदम उठाया है। इसके लिए उत्तरी जिला पुलिस ने सर्वे का सहारा लिया।

डीसीपी उत्तरी जिला मधुर वर्मा के मुताबिक दिल्ली में करीब छह बड़ी कैब कंपनियों की सैकड़ों कैब चलती हैं। उनमें महिला चालक नहीं हैं। इस दिशा में एडिशनल डीसीपी बिजेंद्र कुमार यादव के साथ मिलकर पहले कैब मालिकों व लोगों की राय जानने की कोशिश की गई। उसके बाद सब्जीमंडी, गुलाबीबाग व सराय रोहिल्ला थानाक्षेत्र की झुग्गी बस्तियों में जाकर महिलाओं को कैब चालक बनने का प्रस्ताव दिया गया। कई महिलाओं ने रोजी-रोटी के लिए घर से बाहर निकल चालक बनने की इच्छा जाहिर की।

महिलाओं के रुझान को देखते हुए इस दिशा में उत्तरी जिले में संचालित चार ड्राइविंग स्कूलों के मालिकों से बात की गई। वे पुलिस के साथ मिलकर महिलाओं को मुफ्त में कैब चलाने के लिए प्रशिक्षण देने को तैयार हो गए हैं। कई पुलिसकर्मी भी ड्यूटी खत्म करने के बाद महिलाओं को 2-3 घंटे मुफ्त प्रशिक्षण देने के लिए तैयार हो गए हैं। विभिन्न कैब कंपनियों के अलावा कई अन्य संगठनों ने इसके लिए पुलिस को आर्थिक सहयोग देने का आश्वासन दिया है।

एडिशनल डीसीपी बिजेंद्र कुमार यादव के मुताबिक, सोमवार को 142 महिलाएं उत्तरी जिला डीसीपी कार्यालय में पंजीकरण कराने पहुंचीं, जिनमें से 118 का पंजीकरण किया गया। सर्टिफिकेट के हिसाब से उम्र आदि कई तथ्यों को ध्यान में रखते हुए इन सबका चयन किया गया है। उन्हें निरंकारी ग्राउंड में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के पश्चात सभी को व्यावसायिक वाहन चलाने के लिए लाइसेंस मुहैया कराया जाएगा।

लैंगिक संवेदनशीलता का पाठ पढ़ेंगे कैब चालक

नई दिल्ली [राज्य ब्यूरो]। दुष्कर्म की घटनाओं को देखते हुए कैब व टैक्सी चालकों को 22 दिसंबर से लैंगिक संवेदनशीलता से जुड़े कोर्स कराए जाएंगे। इसके बाद गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाएगा। परिवहन विभाग ने इसके लिए कुछ स्वयंसेवी संगठनों से बातचीत की है जो सभी केंद्रों पर इसका संचालन करेंगी। कोर्स दो घंटे का होगा।

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