125 पुराने कानून निरस्त कर चुकी है मोदी सरकार
नरेंद्र मोदी सरकार अब तक 125 पुराने कानूनों को निरस्त कर चुकी है। इनके अलावा अपनी प्रासंगिकता खो चुके 945 कानून निरस्त किए जाने के लिए संसद की स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं।
नई दिल्ली । नरेंद्र मोदी सरकार अब तक 125 पुराने कानूनों को निरस्त कर चुकी है। इनके अलावा अपनी प्रासंगिकता खो चुके 945 कानून निरस्त किए जाने के लिए संसद की स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं।
विधि मंत्रालय के कानून विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार संसद से पारित दो विधेयकों के बाद 125 पुराने कानून निरस्त कर दिए गए। दो और विधेयक संसद की स्वीकृति के इंतजार में हैं। एक बार इन विधेयकों को मंजूरी मिल गई तो 945 अन्य कानून निरस्त कर दिए जाएंगे। विधि मंत्रालय में कानून विभाग के सचिव संजय सिंह ने यहां कहा, हम लोगों ने 1871 और कानूनों की पहचान की है जो मौजूदा समय में अपनी प्रासंगिकता खो चुके हैं। हमारी योजना उन कानूनों को निरस्त करने के लिए विधेयक लाने की है। वर्ष 2001 के बाद यह पहला ऐसा अवसर है कि विधि मंत्रालय ऐसा कर रहा है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडा के तहत है। उनके एजेंडे में उन तमाम पुराने कानूनों को निरस्त किया जाना है जो प्रभावी प्रशासन व्यवस्था में बाधक हैं।
वर्ष 1950 से 2001 के बीच सौ से अधिक कानून निरस्त किए गए थे। हाल ही में प्रासंगिकता खो चुके 758 विनियोग कानूनों को जिसमें रेलवे (विनियोग) कानून भी शामिल है, निरस्त करने के लिए राज्यसभा में पेश किए गए हैं। पिछले कुछ वर्षोँ में बड़ी संख्या में विनियोग कानून पारित किए गए है अब अब अपनी प्रासंगिकता खो चुके हैं फिर भी वे कानून की किताबों में बने हुए हैं। विनियोग कानून वे कानून हैं जो एक वित्तीय वर्ष में खर्च करने का अधिकार देते हैं। इस विधेयक में राज्यों के 111 विनियोग कानून भी हैं जिन्हें 1950 से 1976 के बीच संसद के जरिये उन राज्यों में लागू किया गया था जहां राष्ट्रपति शासन था।
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