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पिंजरे में कैद 'गिर' शेर, कई लोग बने थे निशाना

आम लोगों पर शेरों के बढ़ते हमले के बाद अमरेली प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की। वन विभाग की मुहिम में अब तक 13 शेरों को कैद किया गया है।

By Lalit RaiEdited By: Updated: Tue, 24 May 2016 01:35 PM (IST)
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अमरेली(एएनआई)। आम लोगों पर गिर शेरों के बढ़ते हुए हमले के बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पिछले दो महीनों में एशियाई शेरों के हमले में तीन लोगों की जान चली गयी थी। वन विभाग के कर्मचारियों ने 13 शेरों को पकड़ कर पिंजरे में कैद कर दिया। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक शेरों को पकड़ने की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। जुनागढ़ रेंज के कंजरवेटर ने कहा कि पिंजर में कैद शेरो का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा। जो शेर आदमखोर होंगे उन्हें चिड़ियाघर में भेज दिया जाएगा।

गिर वन्यजीव अभयारण्य भारत के गुजरात राज्य में लगभग 1424 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह जंगल शेरों के लिये मशहूर है। इसके अतरिक्त इस वन्य अभयारण्य में अधिसंख्य मात्रा में पुष्प और जीव-जन्तुओं की प्रजातियां मिलती है। यहां स्तनधारियों की 30 प्रजातियां, सरीसृप वर्ग की 20 प्रजातियां और कीडों- मकोडों तथा पक्षियों की भी बहुत सी प्रजातियां पाई जाती है।

देखिए, पिंजरे में कैद शेर की तस्वीरें

दक्षिण अफ्रीका के अलावा विश्व का यही ऐसा एकलौता स्थान है। जहां शेरों को उनके प्राकृतिक आवास में रहते हुए देखा जा सकता है। जंगल के शेर के लिए अंतिम आश्रय के रूप में गिर का जंगल, भारत के महत्वपूर्ण वन्य अभयारण्यों में से एक है। गिर के जंगल को सन 1969 में वन्य जीव अभयारण्य बनाया गया और 6 वर्षों बाद इसका 140.4 वर्ग किलोमीटर में विस्तार करके इसे राष्ट्रीय उद्यान के रूप में स्थापित कर दिया गया। यह अभ्यारण्य अब लगभग 258.71 वर्ग किलोमीटर तक विस्तृत हो चुका है। वन्य जीवों को सरक्षंण प्रदान करने के प्रयास से अब शेरों की संख्या बढकर 523 हो गई है।

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