जातीय संघर्ष से डरे 1500 बांग्लादेशियों ने शरण मांगी
जातीय संघर्ष के बाद त्रिपुरा से लगी भारतीय सीमा पर पहुंचे 1500 से अधिक बांग्लादेशी आदिवासियों ने भारत से शरण मांगी है। इन लोगों ने शनिवार शाम भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया जिन्हें सीमा पर ही रोक दिया गया। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के उपमहानिरीक्षक भास्कर रावत ने बताया, 1500 बांग्लादेशी आदिवासी जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, भारत-बांग्लादेश सीमा के निकट कारबुक गांव में शरण लिए हैं। बीएसएफ इन लोगों को भोजन और अन्य सामग्री मुहैया करा रही है। आदिवासी बांग्लादेश के खागराचारी जिले के रहने वाले हैं। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के एक स्थानीय नेता को अगवा किए जाने की खबरों के बाद क्षेत्र में संघर्ष हो गया और आदिवासी घर छोड़ने पर विवश हो गए।
अगरतला। जातीय संघर्ष के बाद त्रिपुरा से लगी भारतीय सीमा पर पहुंचे 1500 से अधिक बांग्लादेशी आदिवासियों ने भारत से शरण मांगी है। इन लोगों ने शनिवार शाम भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया जिन्हें सीमा पर ही रोक दिया गया।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के उपमहानिरीक्षक भास्कर रावत ने बताया, 1500 बांग्लादेशी आदिवासी जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, भारत-बांग्लादेश सीमा के निकट कारबुक गांव में शरण लिए हैं। बीएसएफ इन लोगों को भोजन और अन्य सामग्री मुहैया करा रही है। आदिवासी बांग्लादेश के खागराचारी जिले के रहने वाले हैं।