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कश्मीर में 25 और सरपंचों के इस्तीफे

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग संसदीय क्षेत्र में पिछले 10 दिनों में तीन आतंकी हमलों में दो सरंपचों समेत चार लोगों की हत्या के बाद पंच-सरपंचों में भय व्याप्त है। मंगलवार को 25 और सरपंचों ने इस्तीफा दे दिए। कइयों ने लाउड स्पीकरों पर अपने इस्तीफे का एलान किया। इनमें छह महिलाएं भी हैं। आतंकियों की दहशत का अंदाजा इस

By Edited By: Updated: Wed, 23 Apr 2014 03:04 AM (IST)
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अनंतनाग [जाब्यू]। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग संसदीय क्षेत्र में पिछले 10 दिनों में तीन आतंकी हमलों में दो सरंपचों समेत चार लोगों की हत्या के बाद पंच-सरपंचों में भय व्याप्त है। मंगलवार को 25 और सरपंचों ने इस्तीफा दे दिए। कइयों ने लाउड स्पीकरों पर अपने इस्तीफे का एलान किया। इनमें छह महिलाएं भी हैं। आतंकियों की दहशत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सत्ताधारी नेशनल कांफ्रेंस के एक नेता ने भी अपनी पार्टी को अलविदा कह दिया। इसके अलावा कई पंचायत प्रतिनिधियों ने पुलिस थानों व सैन्य शिविरों में पनाह ले ली है।

अनंतनाग सीट पर दो दिन बाद मतदान और आतंकी हमलों को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं, लेकिन पंच-सरपंचों में डर साफ नजर आ रहा है। गुलशनपोरा पंचायत के सरपंच जंग बहादुर सिंह ने अपना इस्तीफा देने के बाद गांव में एक जगह खड़े होकर सियासत में शामिल होने पर माफी भी मांगी। पुलवामा में गत रात आतंकी हमले में बचे सरपंच बशीर अहमद मलिक ने बताया कि वह इस समय काकपोरा पुलिस चौकी में हैं। यहां और भी पंचायत प्रतिनिधि हैं। इससे पहले भी कई मौकों पर पंच-सरपंचों ने अपने इस्तीफे दिए हैं।

लश्कर ने पोस्टर चिपका धमकाया :

मंगलवार को भी पुलवामा के विभिन्न हिस्सों में लश्कर-ए-तैयबा ने पोस्टर लगाकर स्थानीय सियासी कार्यकर्ताओं को अपनी गतिविधियां बंद करने और चुनाव बहिष्कार के लिए धमकाया है। उर्दू में लिखे इन पोस्टरों में लोगों से कहा गया कि वह सियासी गतिविधियों, पुलिस चौकियों व सैन्य शिविरों से पूरी तरह तरह दूर रहते हुए चुनाव बहिष्कार करें।

पढ़ें : आतंकी हमले में सरपंच सहित तीन की हत्या