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यमन से अपनों की रिहाई के लिए 26 देशों ने मांगी भारत से 'राहत'

युद्धग्रस्त यमन से भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के 'राहत' नामक अभियान का परचम विदेशियों पर भी छाया है। यह भारतीय विदेश नीति की ही सफलता है कि 26 अन्य देशों ने भारतीय नौसेना से उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने की अपील की है। इन देशों में पड़ोसी नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका

By Kamal VermaEdited By: Updated: Tue, 07 Apr 2015 12:49 AM (IST)
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नई दिल्ली। युद्धग्रस्त यमन से भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के 'राहत' नामक अभियान का परचम विदेशियों पर भी छाया है। यह भारतीय विदेश नीति की ही सफलता है कि 26 अन्य देशों ने भारतीय नौसेना से उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने की अपील की है। इन देशों में पड़ोसी नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका के साथ अमेरिका, स्वीडन और सिंगापुर जैसे देश शामिल हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी ट्वीट कर बताया कि अब तक भारतीय नौसेना और वायुसेना मिलकर यमन से करीब 2500 भारतीयों को सुरक्षित भारत वापस लाने में कामयाब रही है।

उन्होंने बताया कि 26 अन्य देशों ने लिखित संदेश भेजकर अपने नागरिकों को यमन से बाहर निकालने के लिए भारत की मदद मांगी है। मानवीय आधार पर सोमवार को ही आइएनएस सुमित्रा जहाज से अलकायदा आतंकियों के गढ़ अल-होदिदा से तीन पाकिस्तानियों को भी भारत लाया गया। सुषमा ने व्यक्तिगत रूप से यमन की एक महिला से 4 अप्रैल को बात की जिसका पति भारतीय है और उसका एक छोटा बेटा भी है। नए देश में जाने को लेकर सशंकित इस महिला को खुद सुषमा ने सुरक्षित वापसी आश्वासन दिया था।

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राज्य सरकारें दे रहीं आर्थिक मदद :

सुषमा स्वराज ने बताया कि यमन से भारत आए लोगों को राज्य सरकारें फौरी मदद दे रही हैं। केरल सरकार कोच्चि पहुंचने वाले प्रत्येक यात्री को 2000 रुपये आर्थिक सहायता के तौर पर दे रही है। महाराष्ट्र सरकार मुंबई पहुंचने वाले प्रत्येक यात्री को 3000 रुपये दे रही है। भारतीय रेल भी यमन छोड़कर आए भारतीयों की जरूरी देखभाल के साथ उन्हें अपने घर जाने के लिए मुफ्त रेल टिकट मुहैया करा रही है। उल्लेखनीय है कि रविवार को भारतीय सशस्त्र बल 806 लोगों को भारत लेकर आया। इसमें से तकरीबन ढाई सौ लोग पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत 17 अन्य देशों के थे।

नरेंद्र मोदी ने अभियान को सराहा :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर यमन से भारतीयों को सुरक्षित भारत लाने के अभियान में जुटे सैन्य और प्रशासनिक अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ऐसे भागीरथ प्रयास जारी रखें। बचाव कार्य में विदेश मंत्रालय, नौसेना, वायुसेना, जहाजरानी, रेलवे और राज्य सरकारों के अथक सहयोग से इस अभियान को अपार सफलता मिली है। उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह के निरंतर इस कार्य में जुटे रहने की भी सराहना की। यमन में अपने लोगों की सेवा और दूसरों की मदद करने को तैयार रहने की भावना ही भारत के मूल में निहित है।

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