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पेट्रोलियम मंत्रालय से खुफिया फाइलें चोरी, पांच गिरफ्तार

पेट्रोलियम मंत्रालय से नीतिगत गोपनीय फाइलें गायब कर उन्हें ऊर्जा कंपनियों को बेचने के मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो पेट्रोलियम मंत्रालय के कर्मचारी शामिल हैं। दिल्ली पुलिस ने इस रैकेट का भंडाफोड़ तब किया है जब कुछ दिन

By Test2 test2Edited By: Updated: Thu, 19 Feb 2015 09:42 PM (IST)
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नई दिल्ली [जासं]। पेट्रोलियम मंत्रालय से नीतिगत गोपनीय फाइलें गायब कर उन्हें ऊर्जा कंपनियों को बेचने के मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो पेट्रोलियम मंत्रालय के कर्मचारी शामिल हैं। दिल्ली पुलिस ने इस रैकेट का भंडाफोड़ तब किया है जब कुछ दिन बाद ही संसद का बजट सत्र शुरू होने वाला है।

वैसे पुलिस को पेट्रोलियम मंत्रालय से गोपनीय फाइलें गायब होने की भनक काफी पहले लग गई थी। ऐसे में संयुक्त पुलिस आयुक्त रवींद्र यादव, अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर अशोक चांद, एसीपी केपीएस मल्होत्रा, इंस्पेक्टर पीसी यादव व कुलबीर सिंह की टीम जांच में जुट गई थी।

17 फरवरी को टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर मंत्रालय के दफ्तर शास्त्री भवन के बाहर इंडिगो कार से गोपनीय फाइलों के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। उनकी पहचान लालता प्रसाद, राकेश कुमार और राजकुमार चौबे के रूप में हुई। इनके पास से फर्जी आइकार्ड, नकली चाभी, तत्कालीन पास समेत अन्य दस्तावेज बरामद हुए। कार पर भारत सरकार का स्टीकर भी चस्पा था।

आरोपियों में बाप-बेटे और चाचा शामिल

लालता व राकेश दोनों भाई हैं और मंत्रालय में अस्थायी रूप से मल्टी टास्किंग स्टाफ के तौर पर वर्ष 2012 में काम कर चुके हैं। कांट्रैक्ट खत्म होने के बाद इन्होंने मंत्रालय से दस्तावेज को बाहर निकालने का काम शुरू कर दिया। इस खेल में उन्होंने मल्टी टास्किंग स्टाफ में ही तैनात अपने पिता आशाराम व चाचा ईश्वर सिंह को भी शामिल कर लिया। तीनों से पूछताछ के बाद इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। शास्त्री भवन से फाइल बाहर लाने-ले जाने के दौरान वे लोग वहां लगे सीसीटीवी कैमरे को बंद कर देते थे।

एक पत्रकार से भी हो रही पूछताछ : बस्सी

पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी ने कहा कि कॉरपोरेट जासूसी का यह पहला मामला सामने आया है। अब तक की जांच में एक वरिष्ठ पत्रकार की भी भूमिका आ रही है। उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि सात अन्य की भूमिका की भी जांच की जा रही है। उनकी संलिप्तता सामने आने पर गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वरिष्ठ पत्रकार वेबसाइट चलाते हैं। करीब दस साल पूर्व वरिष्ठ पत्रकार तरुण तेजपाल के साथ उन्हें भी स्टिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उनकी पत्नी एक अंग्रेजी अखबार में मुंबई में काम करती थी। वर्ष 2008 में मुंबई में होटल ताज पर आतंकी हमले के दौरान उनकी मौत हो गई थी।

कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी हो सकते हैं शामिल

दिल्ली पुलिस को अंदेशा है कि गोपनीय फाइलें गायब कराने में मंत्रालय के कुछ वरिष्ठ अधिकारी और कुछ निजी पेट्रोलियम कंपनियों की भी मिलीभगत हो सकती है। पुलिस कुछ पेट्रालियम कंपनियों के दफ्तरों पर भी छापेमारी कर रही है।

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