जम्मू-कश्मीर में रामबन जिले के गूल में गुरुवार को हुए गोलीकांड के विरोध में शुक्रवार को पूरे राज्य में हिंसक प्रदर्शन हुए। सुरक्षाबलों की गोलीबारी में चार प्रदर्शनकारियों की मौत के विरोध में भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। उग्र भीड़ ने तोड़फोड़ के साथ सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंके। हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने लाठीचार्ज किया गया। हिंसक झड़पों में 20 पुलिसकर्मियों समेत 35 लोग घायल हो गए हैं। तनावपूर्ण स्थितियों को देखते हुए राज्य के सभी प्रमुख शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। तनाव को देखते हुए जम्मू से अमरनाथ यात्रा दो दिन के लिए स्थगित कर दी गई है।
By Edited By: Updated: Sat, 20 Jul 2013 12:41 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में रामबन जिले के गूल में गुरुवार को हुए गोलीकांड के विरोध में शुक्रवार को पूरे राज्य में हिंसक प्रदर्शन हुए। सुरक्षाबलों की गोलीबारी में चार प्रदर्शनकारियों की मौत के विरोध में भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। उग्र भीड़ ने तोड़फोड़ के साथ सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंके। हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने लाठीचार्ज किया गया। हिंसक झड़पों में 20 पुलिसकर्मियों समेत 35 लोग घायल हो गए हैं। तनावपूर्ण स्थितियों को देखते हुए राज्य के सभी प्रमुख शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। तनाव को देखते हुए जम्मू से अमरनाथ यात्रा दो दिन के लिए स्थगित कर दी गई है।
जम्मू स्थित यात्री निवास भगवती नगर से शुक्रवार को श्रद्धालुओं का जत्था रवाना नहीं किया गया। इससे यात्री निवास में करीब डेढ़ हजार से अधिक यात्री फंस गए हैं। जम्मू के डिप्टी कमिश्नर अजीत कुमार साहू ने कहा कि सब कुछ सामान्य रहने की सूरत में रविवार को यात्रा जम्मू से रवाना की जाएगी।
गौरतलब है कि गुरुवार को गूल में इमाम की पिटाई और धार्मिक किताब के अपमान के विरोध में उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बीएसएफ के जवानों ने गोलीबारी की थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। फायरिंग में मारे गए चारों लोगों के शव कड़ी सुरक्षा के बीच सुपुर्द-खाक कर दिए गए। राज्य कैबिनेट ने गोलीकांड की कड़ी निंदा करते हुए मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और पीड़ित परिवारों के एक-एक सदस्य को नौकरी देने का फैसला किया है। गोलीकांड के विरोध में कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी ने तीन दिवसीय कश्मीर बंद का एलान किया था। अन्य अलगाववादी संगठनों ने बंद का समर्थन किया था। इसे देखते हुए पूरे कश्मीर में कर्फ्यू लगा दिया गया और सभी प्रमुख अलगाववादी नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। तमाम सुरक्षा प्रबंधों के बावजूद श्रीनगर समेत पूरे कश्मीर में कर्फ्यू का उल्लंघन कर जुलूस निकाले गए। काजीगुंड में हिंसक भीड़ ने सीआरपीएफ शिविर पर हमले का प्रयास किया और पास में एक अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ की। श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर समाज कल्याण मंत्री सकीना इट्टू के काफिले को पथराव से बचाने के लिए अंगरक्षकों को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। कश्मीर के हालात को देखते हुए प्रशासन ने रविवार तक कर्फ्यू जारी रखने का फैसला किया है।
बड़गाम, पट्टन, बारामूला, सोपोर, गांदरबल और मनिगाम में भी पुलिस व प्रदर्शनकारियोंके बीच हिंसक झड़पें हुईं। गांदरबल में हुए टकराव में छह पुलिसकर्मियों समेत 16 लोग जख्मी हुए हैं। कुलगाम, काजीगुंड, डुरु, वेरीनाग, लाजबल और पुलवामा में भी झड़पें हुई। काकपोरा में हिंसक भीड़ ने पुलिस स्टेशन पर हमले का प्रयास किया। पुलिस महानिदेशक अशोक प्रसाद ने कहा कि हिंसक प्रदर्शनों पर काबू पा लिया गया है। जम्मू संभाग में भद्रवाह और डोडा में हिंसक प्रदर्शन और पथराव में 10 लोग घायल हो गए। इस बीच, रियासी में दोनों समुदाय के लोगों ने आपसी भाईचारे की मिसाल कायम करते हुए एकसाथ जुलूस निकाला। उधर, इस गोलीकांड से आहत एक युवा समाजसेवी मिर्जा इद्रीस उल हक बेग ने जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा प्रदान किए गए राजकीय सम्मान को लौटाने का एलान किया।
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